Remembering Sanjeev Kumar on Birth Anniversary
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    मुंबई : संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) का जन्म 9 जुलाई, 1938 को सूरत (Surat), गुजरात (Gujarat) में एक गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ था। यह एक भारतीय अभिनेता थे। जो हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए जाने जाते थे। वैसे संजीव कुमार का पूरा नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था। अभिनेता अपने करियर में कई पुरस्कारों को भी हासिल कर चुके थे। जिसमें दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी शामिल थे। इतना ही नहीं संजीव कुमार महान अभिनेताओं की लिस्ट में सातवें नंबर पर रहे थे। अभिनेता आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आज भी लोग उन्हें दिल से याद करते हैं।

    संजीव कुमार कई फिल्मों में अपना सफल अभिनय किए थे। जिसमें ‘शोले’, ‘अर्जुन पंडित’, ‘त्रिशूल’, ‘नया दिन नई रात’, ‘कत्ल’, ‘राम तेरे कितने नाम’, ‘जबरदस्त’, ‘लाखों की बात’, ‘यादगार’, ‘पाखंडी’, ‘हथकड़ी’, ‘सिंदूर बने ज्वाला’, ‘बीवी ओ बीवी’, ‘चेहरे पे चेहरा’, ‘वक्त की दीवार’, ‘बेरहम’, ‘पति पत्नी और वो’, ‘सावन के गीत’, ‘स्वर्ग नर्क’, ‘आलाप’, ‘मौसम’, ‘अपने दुश्मन’, ‘उलझन’, ‘दावत’, ‘शानदार’, ‘अनामिका’, ‘अनुभव’, ‘एक पहेली’, ‘बचपन’, ‘हुस्न और इश्क’ और ‘शिकार’ जैसी कई सुपरहिट फिल्में शामिल हैं। संजीव कुमार जीवन भर अविवाहित ही जीवन बिताए थे।  उन्होंने साल 1973 में पहली बार हेमा मालिनी को प्रपोज किया था।

    साल 1976 में उन्हें पहला दिल का दौरा पड़ा। तभी भी वो एक-दूसरे के संपर्क में रहे। बाद में अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित संजीव कुमार को पसंद करने लगीं और उन्होंने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखा, लेकिन संजीव कुमार ने उनसे शादी करने से इनकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप सुलक्षणा ने कभी भी किसी से भी शादी नहीं करने की कसम खाई। संजीव कुमार के पहले दिल के दौरे के दौरान उन्हें अमेरिका में अपना बाईपास करवाना पड़ा। जिसके बाद 6 नवंबर, 1985 को उनकी 47 वर्ष की आयु में, उन्हें दूसरा दिल का दौरा पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मुंबई में मृत्यु हो गई।

    संजीव कुमार की मौत के बाद भी उनकी अभिनीत 10 से भी अधिक फिल्में रिलीज हुईं। संजीव कुमार के नाम पर गुजरात में एक सड़क का नाम संजीव कुमार मार्ग रखा गया है, जिसका उद्घाटन सुनील दत्त ने किया था। वहीं उनके गृह नगर सूरत, गुजरात में उनके नाम पर एक स्कूल का नाम रखा गया है और जिसका उद्घाटन तत्कालीन मेयर कादिर के. पीरजादा ने किया था। 3 मई 2013 को संजीव कुमार को सम्मानित करने के लिए इंडिया पोस्ट द्वारा उनकी समानता वाला एक डाक टिकट जारी किया गया था।

    इसके साथ ही गुजरात राज्य ने उनके गृह नगर सूरत में 108 करोड़ की लागत से एक सभागार खोला गया, जिसका नाम संजीव कुमार ऑडिटोरियम है, जिसका उद्घाटन 14 फरवरी 2014 को उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहें आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया गया था, वहीं संजीव कुमार फाउंडेशन के नाम से एक राष्ट्रीय स्तर का विकास संगठन है जो हर साल बच्चों और उनके परिवार वालों को सीधे लाभान्वित करता हैं। जिसमें उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, पर्यावरण, संस्कृति और पोषण पर ध्यान रखा जाता हैं।