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  • ग्राम विकास विभाग के आदेश घोषित

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गडचिरोली. कोरोना लॉकडाऊन के चलते प्रलंबित हुए राज्य के ग्राम पंचायत चुनाव का कार्यक्रम घोषित हुआ है. जिसके तहत जिले के ग्राम पंचायत के चुनाव का भी कार्यक्रम घोषित किया गया है. ऐसे में राज्य सरकार ने बडा बदलाव करते हुए सरपंच का आरक्षण चुनाव के पश्चात ही निश्चित करने का निर्णय लिया है. जिसके तहत ग्राम विकास विभाग ने सरपंच आरक्षण की घोषणा चुनाव के पश्चात ही होने के आदेश घोषित किए है. जिससे जिले के 362 ग्राम पंचायतों के सरपंच अब सिधे चुनाव के पश्चात ही सामने आनेवाले है.

कोरोना महामारी के लॉकडाऊन के कारण संपूर्ण राज्य के तथा जिले के 362 ग्रामपंचायतों के चुनाव करीब 9 माह तक प्रलंबित हुए थे. शुक्रवार को चुनाव आयोग ने अप्रैल 2020 में समयावधि समाप्त हुए ग्राम पंचायत चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया. जिले में चुनाव के पूर्व सरपंच आरक्षण घोषणा का कार्यक्रम सभी तहसील कार्यालयों में होनेवाला था. मात्र हाल ही में ग्राम विकास विभाग ने आदेश जारी कर सरपंच आरक्षण को स्थगिती दी है. सरपंच चुनाव के चलते होनेवाला घोडेबाजार तथा झुटे जाति प्रमाणपत्र के आधार पर सरपंच पद प्राप्त करने का प्रकार रोकने के लिए राज्य में प्रथम बार ग्राम पंचायत के चुनाव के पश्चात ही सरपंच पद का आरक्षण की घोषणा करने का निर्णय ग्रामविकास विभाग ने लिया है. जिससे जिले के 362 ग्राम पंचायतों के सरपंच कौनसे प्रवर्ग के रहेंगे यह चुनाव के पश्चात ही निश्चित होंगे. 

सरपंच आरक्षण की घोषणा 15 जनवरी के पश्चात

राज्य सरकार के ग्राम विकास विभाग ने सरपंच पद के आरक्षण की घोषणा चुनाव के पश्चात ही घोषित करने का आदेश निर्गमित किया है. इससे पूर्व जिले के सरपंच पद का आरक्षण घोषित करने के लिए सभी तहसील कार्यालय में तैयारी कार्यक्रम चलाया गया था. मात्र ग्राम विकास विभाग के आदेश के तहत सरपंच पद का आरक्षण की घोषणा कार्यक्रम अब चुनाव के पश्चात ही यानी 15 जनवरी के बाद ही चलाई जोनवाला है. ऐसी जानकारी है. 

इच्छूकों की निराशा

जिलाधिकारी कार्यालय ने निकष के अनुसार प्रारूप तैयार करते हुए जिले के 362 ग्रामपंचायतों के ग्रापं सदस्यों के साथा सरपंच का प्रवर्ग निश्चित किया जानेवाला था. इसमं कौनसी ग्राम पंचायत किसके लिए यह इससे निश्चित होनेवाला था. मात्र ग्राम विकास विभाग ने नए आदेश के कारण गांव का सरपंच कोण रहेगा, यह ज्ञात नहीं होने स इच्छूक प्रत्याशियों में निराशा फैली है. अब सरपंच के खुर्ची पर निगाहें होनेवालों को अब सदस्य के खुर्ची पर ध्यान केंद्रीत करना पडेगा. सरपंच पद आरक्षी होनेवाले वार्ड के रणसंग्राम को विशेष महत्व रहनेवाला था. मात्र अब वैसा चित्र दिखाई नहीं देगा. 

नियोजकों के मनसूबे ध्वस्त 

ग्रापं चुनाव के लिए अनेक राजनितिक दलों के साथ्ज्ञ इच्छूकों ने नियोजन किया था. जिसके तहत उन्होने तैयारी भी की थी. मात्र ग्राम विकास विभाग के नए आदेश के कारण राजनितिक नेते तथा इच्छूकों में व्यापक निराशा है. अपने गांव को कौनसे प्रवर्ग का सरपंच का सरपंच रहेंगे यहां से लेकर आरक्षण घोषणा तक चुनाव तक लढे या न लढे ऐसा नियोजन करनेवालों के नए आदेश का मनसूबे ध्वस्त हुए है.