MNREGA workers movement

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    गोरेगांव. मनरेगा कर्मचारियों की मांगे व मानधन में वृद्धि कर समय पर मानधन अदा करने की मांग को लेकर मनरेगा कर्मचारियों ने 26 नवंबर से काम बंद आंदोलन शुरू किया. जिस पर महाराष्ट्र विधान मंडल रोजगार गारंटी योजना के अध्यक्ष विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे ने 5 दिसंबर को मध्यस्थता कर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था. जिससे काम बंद आंदोलन वापस लिया गया, किंतु 2 महीने बित जाने के बाद भी मांगे पूरी नहीं होने पर 24 फरवरी से मनरेगा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर पुन: आंदोलन प्रारंभ कर दिया है.

    3 महीने से नहीं मिला मानधन

    जानकारी के अनुसार मनरेगा अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों का नवंबर, दिसंबर व जनवरी महीने का मानधन बकाया है. यह कर्मचारी अल्प मानधन पर कार्य कर रहे हैं. महाराष्ट्र शासन ने 17 सितंबर 2019 को शासन निर्णय परिपत्रक जारी कर गोंदिया जिला छोड़कर बढ़ा हुआ मानधन लागू किया. जिससे गोंदिया जिले के कर्मचारी अल्प मानधन पर ही कार्य कर रहे हैं. मानधन में वृद्धि हो तथा यह मानधन उन्हें नियमित रूप से दिया जाए आदि मांगों को लेकर मनरेगा कर्मियों ने आंदोलन प्रारंभ किया. 

    मांगे पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा आंदोलन

    मनरेगा कर्मियों ने निर्णय लिया है कि जब तक उनकी मांगे पूर्ण नहीं हो जाती तब तक आंदोलन शुरू रहेगा. ऐसी लिखित जानकारी भी उन्होंने तहसीलदार व गुट विकास अधिकारी को दी है. प्रतिनिधि मंडल में सहायक कार्यक्रम अधिकारी हेमंत बघेले, विजय पटले, विजय रहांगडाले, प्रवीण खरवडे, जगदीश रहांगडाले, मंसाराम भगत, विवेक शेंडे, कमेश पाचे, नरेंद्र नागफासे, नंदकिशोर चौधरी व गुणेश बोपचे का समावेश था. इस संदर्भ में विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे ने कहा कि मनरेगा कर्मिों की मांगे उचित है. उन मांगों को सरकार के समक्ष रखा गया है, इस संबंध में 26 फरवरी को जिलाधीश से चर्चा भी की जाएगी.