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  • शासन ने दिए निर्देश

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गोंदिया. प्रशासकीय कामकाज में मराठी भाषा का उपयोग करने की सूचना बार-बार इसके पूर्व दी गई, लेकिन मराठी भाषा का उपयोग शासकीय कार्यालयों में 100 प्रश होता दिखाई नहीं दे रहा है. इसी तरह आपकी सरकार प्रणाली में अधिकारी मराठी भाषा का उपयोग नहीं करने की शिकायतें प्राप्त हुईं हैं. इसमें अब प्रशासकीय कामकाज में 100 प्रश मराठी भाषा का उपयोग करने के निर्देश मराठी भाषा विभाग द्वारा दिए गए है. इस पर क्रियान्वयन नहीं करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी. ऐसी भी सूचना दी गई है.

महाराष्ट्र राजाभाषा अधिनियम 1964 व महाराष्ट्र राजभाषा सुधारित अधिनियम 2015  तथा वर्जित प्रयोजन अप्रैल 1966 के अनुसार मंत्रालयीन विभाग व उनके नियंत्रण वाले विभागीय कार्यालय व राज्य शासन के समस्त कार्यालयों ने वर्जित प्रयोजन छोड़कर सभी सर्व सामान्य जनता के साथ किए जाने वाले पत्र व्यवहार व अन्य कार्यालयीन कामकाज पूर्ण रूप से मराठी भाषा में करना अनिवार्य है. इस अधिनियम में समय-समय पर सुधार कर वैसी जानकारी राज्य शासन के सभी शासकीय विभागों को भेजे गए हैं. 

टालमटोल करने वालों पर होगी कार्रवाई
इसमें यह भी कहा गया है कि वर्जित प्रयोजन को छोड़ बाकी संयुक्त कारण नहीं होने पर राज भाषा मराठी का उपयोग करने से टालमटोल करने वाले अधिकारी व कर्मचारी के संदर्भ में गोपनीय रिपोर्ट दर्ज करने, 1 वर्ष के लिए आगे वेतन वृद्धि में रोक आदि कार्रवाई की जाएगी. महानगर पालिका, नगर परिषद, जिला प्रशासन जैसे अनेक स्थानों पर अब भी मराठी की अपेक्षा अंग्रेजी भाषा को प्राथमिकता दी जा रही है. शासन के निर्णय सहित विज्ञापन व अन्य विषयों में मराठी भाषा को भूलकर अंग्रेजी भाषा का उपयोग करते हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार के मार्गदर्शक रिपोर्ट भी दूसरी भाषाओं में प्रकाशित करते हैं. जिससे सर्व सामान्य नागरिकों को असुविधा होती है.