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गोंदिया. रिपब्लिक टीवी के सह संस्थापक अर्णब गोस्वामी को देशद्रोह के अपराध के लिए तथा रिपब्लिक टीवी की ओर से फ्रिक्वेन्सी चोरी करने के अपराध में गिरफ्तार कर कार्रवाई की मांग को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से जिला कांग्रेसाध्यक्ष डा. नामदेव किरसान के नेत्वृत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन जिलाधीश को सौंपकर व्यक्त किया गया कि अर्णब व उसके रिपब्लिक टीवी ने कई गैर कानूनी काम किए है, उसने अवैध तरीके से दूरदर्शन को बिना भुगतान किए सैटेलाइट फ्रिक्वेन्सी की चोरी कर भारत सरकार को करोडो का नुकसान पहुंचाया है, दूरदर्शन से इसकी जानकारी मिलने के बाद भी सूचना व प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठोड ने कोई ध्यान नहीं दिया, रिपब्लिक टीवी ने टीआरपी स्कैम भी किया, इसमें मुंबई पुलिस ने कई मीडिया संगठनों द्वारा टीआरपी स्कैम में पूरक आरोप पत्र दायर किया है, उसमें रिपब्लिक टीवी शामिल है.

मामले की जांच करने की मांग

इन दस्तावेजों में बीएआरसी के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता व उनके कई सहयोगियों के साथ वाट्सएप वार्तालाप शामिल है. जिसके चैट्स से पता चलता है कि अर्णब गोस्वामी एंटी नेशनल हैं, इस चैट के इन हजारों पन्नों में विस्फोटक विवरण है, जब पुलवामा हमले में देश के 40 बहादुर सीआरपीएफ जवानों की जान गई तक अर्णब खुश था, उसे 3 दिन पहले बालाकोट हमले जैसे सैन्य रहस्यों के विषय में जानकारी थी, जिससे उसके व सत्तारूढ़ भाजपा के बीच नेक्सस दिखाई दे रही है, यहां तक की उसने जज को खरीदने आदि की साजिश रची, बालाकोट स्ट्राइक के संदर्भ में संवेदनशील उसे किसने लीक की? यह भी बड़ा सवाल है, सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी विफलता है, उसकी जांच होनी चाहिए, एक निजी व्यक्ति राष्ट्रीय रहस्यों के बारे में कैसे जान सकता है व उन्हें आगे वाट्सएप पर स्वतंत्र रूप से साझा कर सकता है, पुलवामा हमले के बाद अर्णब ने यह कहते हुए जश्न मनाया कि हम इस हमले को जीत चुके है, कोई भी 40 भारतीय जवानों की मौत का जश्न कैसे मना सकता है, यह चैट बताते है कि पुलवामा व बालाकोट की घटना 2019 के आम चुनावों में मदद करने पूर्व निर्धारित घटनाएं थी, अर्णब गोस्वामी को देश की सुरक्षा संबंधित जानकारी कैसे मिली व उसने यह जानकारी किस किस के साथ साझा की इसकी पूरी जांच होनी चाहिए, एनआईए से किसानों की जांच कराने की बजाए इस मामले की जांच करा कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई. 

प्रतिनिधि मंडल में कांग्रेस के प्रदेश सचिव सीए विनोद के. जैन व अमर वराडे, ग्रामीण तहसील अध्यक्ष सूर्यप्रकाश भगत, गोंदिया शहर अध्यक्ष जहीर अहमद, अनिलकुमार गौतम, पी. जी. कटरे, अशोक (गप्पू) गुप्ता, एड. योगेश अग्रवाल, निकेश मिश्रा, प्रभादेवी उपराडे, पप्पू पटले, देवकाताई वरखडे, चमनलाल बिसेन, गंगाधर बावनकर, श्याम गणवीर, रंजित गणवीर, आशीष नागपुरे, सुशील खरखाटे, बलजीतसिंह बग्गा, राजेंद्र डहाट, निलम हलमारे, शैलेश जायस्वाल, अमर राहुल, आनंद लांजेवार, बावनकर आदि शामिल थे.