Feeding in plastic bottles can increase the chances of getting cancer in children

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-सीमा कुमारी 

आज पूरे विश्व में प्लास्टिक से बने सामान सबसे ज्यादा निर्यात और आयत हो रहे है. इसी वजह से आज हम सभी कई खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे है. साथ ही साथ देश में प्लास्टिक को लेकर कई योजनाए बनाई गयी है. प्लास्टिक में सबसे ज्यादा खतरनाक बोतल को माना गया है क्योकि हर घर में पाए जाने वाले बोतल प्लास्टिक के ही होते है. चाहे बच्चो का स्कूल ले जाने वाला पानी बोतल हो, आफिस में ले जाने वाल बोतल हो या फिर फ्रिज में रखा बोतल हो. हर घर में आपको प्लास्टिक की बोतल या कप (मग) देखने को मिलेंगे. प्लास्टिक बोतल से पानी पीना आपकी सेहत के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है. हम सभी प्लास्टिक की बोतलों में पानी भरकर रखते हैं. 

प्लास्टिक चाहे किसी भी तरह की हो, नुकसानदायक ही है. हमारे जीवन की हिस्सा बन चुकी प्लास्टिक की बोतलें केमिकल्स और बैक्टीरिया से भरी हुईं होती हैं और स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हैं.आज कल लोगों में प्‍लास्टिक की बोतल से पानी पीने का चलन काफी ज्‍यादा बढ़ गया है. लंबा सफर करना हो या फिर पानी पीने की ज्‍यादा आदत के कारण प्‍लास्‍टिक की बोतल हमेशा बैग में रखी मिल जाती है. अगर आप प्‍लास्टिक के बोतल से पानी पीते हैं, तो आपको  कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग, गर्भवती मां और बच्‍चे को खतरे के अलावा कई दूसरी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं.

प्लास्टिक से रहे दूर:

प्लास्टिक से ज्यादा संपर्क में आने पर लोगों के खून में थेलेटस की मात्रा बढ़ जाती है. इससे गर्भ में पल रहे शिशु का डेवलेपमेंट डिस्टर्ब हो जाता है. प्लास्टिक प्रोडक्ट में प्रयोग होने वाला बिस्फेनॉल कैमिकल ह्यूमन बॉडी में डायबिटीज व लीवर एंजाइम को प्रभावित कर देता है. पॉलीथिन का कचरा जलाने पर कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड और डाई आक्सीन जैसी विषैली गैसें निकलती हैं जिससे वातावरण दूषित होता है. इससे सांस, स्किन की बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है.

दूध पिलाने से कैंसर:

नन्हे मुन्नों बच्चों को प्लास्टिक की बोतल में दूध पिलाने से परहेज करना चाहिए. यह खतरनाक साबित हो सकता है कारण, प्लास्टिक की बोतल में रासायनिक द्रव्य की कोटिंग होती है. जो गर्म दूध डालने पर दूध में मिलकर शरीर तक पहुंच जाता है. कई कंपनियां कोल्ड ड्रिंक, पैक्ड फूड व शराब की बोतलों में भी इसी रसायन की कोटिंग कराते हैं, इसका दुरपरिणाम, हार्ट, गुर्दे, लीवर व फेफड़ों को सीधे नुकसान पहुंचता है.