2009 contempt case against Bhushan, Tejpal needs further hearing: Court

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नई दिल्ली. उच्चतम न्यायायालय ने सोमवार को कहा कि कार्यकर्ता-अधिवक्ता प्रशांत भूषण और पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ 2009 के आपराधिक अवमानना मामले में और सुनवाई की जरूरत है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली एक पीठ ने कहा कि वह मामले को सुनेगा और यह देखेगा कि न्यायाधीशों के बारे में भ्रष्टाचार पर टिप्पणी असल में अवमानना है या नहीं।

पीठ जिसमें न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमू्र्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल हैं, ने इस मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को तय की है। शीर्ष अदालत ने नवंबर 2009 में एक समाचार पत्रिका के साक्षात्कार में शीर्ष अदालत के कुछ मौजूदा एवं पूर्व न्यायाधीशों पर कथित तौर पर आक्षेप लगाने के लिए भूषण और तेजपाल को अवमानना नोटिस जारी किया था। तेजपाल तब इस पत्रिका के संपादक थे।

चार अगस्त को, शीर्ष अदालत ने भूषण और तेजपाल को स्पष्ट किया था कि वह मामले में अगर उनका “स्पष्टीकरण” या “मााफी” स्वीकार नहीं करती है तो वह सुनवाई करेगी।(एजेंसी)