Court will take decision on 25 after taking cognizance of the charge sheet

Loading

नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स और कारोबारी राजीव सक्सेना के खिलाफ अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में दायर पूरक आरोप पत्र का संज्ञान लिया जाए नहीं, इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने 25 सितंबर तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इससे पहले सीबीआई की ओर से पेश हुए लोक अभियोजक ने दलील दी कि मामले में दोनों कथित बिचौलियों और 13 अन्य के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री है। सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को दायर जांच रिपोर्ट में, राजनीतिक नेताओं, नौकरशाहों तथा भारतीय वायुसेना के अधिकारियों को रिश्वत देने में आरोपियों की कथित भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया है।

सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने इस साल की शुरूआत में पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित प्राधिकारों से अनुमति मांगी थी, लेकिन अब तक अनुमति नहीं मिलने के कारण उनका नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं किया गया है । एजेंसी ने अदालत को बताया कि वह मामले में बाद में एक और पूरक आरोपपत्र दाखिल कर सकती है । मामले में सितंबर 2017 में दाखिल पहले आरोपपत्र में पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी तथा अन्य को नामजद किया गया था । एजेंसी ने पहले अदालत को बताया था कि जांच के दौरान इटली और स्विट्जरलैंड से वायुसेना/रक्षा मंत्रालय के खुफिया सरकारी दस्तावेजों की प्रतियां और अन्य दस्तावेज मिले हैं जो एक लाख पन्नों से ज्यादा के हैं।

एजेंसी ने यह भी बताया था कि मिशेल के पास से “एक भुगतान शीट“ भी बरामद हुई है जो दिखाती है कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे के लिए वायुसेना, रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, नौकरशाहों, राजनीतिक नेताओं और भारत में ‘परिवार’ को तीन करोड़ यूरो की रिश्वत दी गई या दी जानी थी। सीबीआई ने कहा कि आवेदक की कंपनियों को वेस्टलैंड कंपनी समूह ने 4.227 करोड़ यूरो की रिश्वत दी और इस राशि के बदले कोई काम नहीं लिया। इसमें कहा गया है कि अगस्ता वेस्टलैंड से मिली घूस की राशि को मिशेल ने भारत में अलग-अलग लोगों को दिया। सीबीआई ने पिछले साल पांच दिसंबर को मिशेल को हिरासत में लिया था। उसे दुबई से लाया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल 22 दिसंबर को मिशेल को हिरासत में लिया था।

वर्तमान में वह दोनों मामलों में न्यायिक हिरासत में है। अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के संबंध में कथित घोटाला के मामले में दुबई में रहने वाले कारोबारी सक्सेना को 31 जनवरी 2019 को भारत लाया गया । ईडी ने पहले सक्सेना को गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में उसे जमानत दे दी गई थी, क्योंकि वह मामले में सरकारी गवाह बन गया था। एजेंसियों ने अदालत को बताया था कि अगस्ता वेस्टलैंड सौदे से मिशेल ने 2.42 करोड़ यूरो और 1,60,96,245 पाउंड अर्जित किए थे। बाद में इस सौदे को रद्द कर दिया गया था।(एजेंसी)