नयी दिल्ली. किसान प्रतिनिधियों (Farmers) और मोदी सरकार (Narendra Modi) की बातचीत के बीच कांग्रेस (Congress) ने आज कहा कि सरकार को अपनी हठ छोड़कर केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Law) को निरस्त करना चाहिए।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आरोप लगाया कि सरकार ने इन कानूनों के माध्यम से देश के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडियों के नहीं होने वाली स्थिति में धकेल दिया है। किसान प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच बैठक से पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी जी, राजहठ त्यागिये, राजधर्म मानिये! अन्नदाता की सुनें, काले क़ानूनों को निरस्त करें। वरना, इतिहास ने कभी अहंकार को माफ़ नही किया।”
मा. मोदी जी,
राजहठ त्यागिये,
राजधर्म मानिये !अन्नदाता की सुनें,
काले क़ानूनों को निरस्त करें।वरना,
इतिहास ने कभी अहंकार को माफ़ नही किया।#किसान_विरोधी_मोदी_सरकार pic.twitter.com/TQVUqWtsns— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 5, 2020
“वन नेशन, वन मार्किट” की ढोल की पोल !
यही है खेती विरोधी काले क़ानूनों का ढकोसला।#KisanVirodhiNarendraModi #किसान_आंदोलन pic.twitter.com/gYyxd9U22q
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 5, 2020
राहुल गांधी ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘बिहार का किसान एमएसपी-एपीएमसी के बिना बेहद मुसीबत में है और अब प्रधानमंत्री ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेल दिया है। ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है।” किसानों के आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आंदोलन में शामिल महिला किसान की शक्ति और संकल्प भी भारत के नारीवाद का एक पहलू है। कृषि क़ानूनों के रद्द होने तक ये डटकर मोदी सरकार के अत्याचारों का सामना कर रही हैं। अपने अधिकार की लड़ाई में उतरीं इन सभी बहनों को नमन!”
आंदोलन में शामिल महिला किसान की शक्ति और संकल्प भी भारत के फ़ेमिनिज़म का एक पहलू है।
कृषि क़ानूनों के रद्द होने तक ये डटकर मोदी सरकार के अत्याचारों का सामना कर रही हैं।
अपने अधिकार की लड़ाई में उतरीं इन सभी बहनों को नमन! pic.twitter.com/deJe4xOB1Z
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 5, 2020