Umar Khalid
File Photo : PTI

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नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद और जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दायर पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लिया। अदालत ने उनके खिलाफ कठोर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत अपराधों को लेकर आगे बढ़ने का फैसला किया, लेकिन राजद्रोह, आपराधिक साजिश और भारतीय दंड संहिता के तहत कुछ अन्य आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया क्योंकि आवश्यक मंजूरी की प्रतीक्षा है।

रविवार को दायर आरोपपत्र में इमाम और खालिद पर यूएपीए, भादंसं, हथियार कानून और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत आरोप लगाया गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि आरोपियों इमाम, खालिद और फैजान खान के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री है।

अदालत ने यूएपीए की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों), धारा 16 (आतंकवादी कानून), धारा 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), धारा 18 (साजिश) के तहत आरोपों का संज्ञान लिया। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 और 148 (दंगा), धारा 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना), धारा 186 (लोक सेवक को निर्देश देना), धारा 201 (सबूतों को गायब करना) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

हालांकि अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (देशद्रोह), धारा 153-ए (धर्म, भाषा, जाति आदि के आधार पर कटुता को बढ़ावा देना), धारा 109 (घृणा) और धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोपों का संज्ञान नहीं लिया। इस संबंध में आवश्यक मंजूरी की अभी प्रतीक्षा है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोप पत्र और संलग्न दस्तावेजों पर गौर करने के बाद आरोपियों शरजील इमाम, उमर खालिद, फैजान खान के खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त सामग्री हैं। मामले में अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।