‘कोवैक्सीन’ को लेकर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और मनीष तिवारी के बीच ट्विटर वॉर

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नई दिल्ली: देश में टीकाकरण (Vaccination) की शुरुआत होते ही अब इसपर शुरू राजनीति भी तेज हो गई है। मनमोहन सरकार में मंत्री रहे मनीष तिवारी (Manish Tiwari) ने भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन (Covaxin) ने आपातकालीन इस्तेमाल (Emergency USe) और मंजूरी देने पर कई सवाल उठाए। कांग्रेस (Congress) नेता द्वारा उठाए गए सवालों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Dr Harshwardhan) ने जोरदार पलटवार किया। 

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “मनीष तिवारी और कांग्रेस पार्टी केवल अविश्वास और अफवाह फैलाना जानते हैं। अपनी आँखें खोलें, प्रख्यात डॉक्टरों और सरकार के अधिकारियों की तस्वीरें देखो जिन्होंने टिका लगवाया है। इसी के साथ उन्होंने चार्ल्स कालेब कोल्टन का एक कोट भी ट्वीट किया।”

वैक्सीन राष्ट्रवाद के पीछे ना छिपे 

स्वास्थ्य मंत्री के पलटवार को कांग्रेस नेता ने बिना समय गवाएं उनके ट्वीट पर रिट्वीट कर करारा जवाब दिया। कांग्रेस सांसद ने कहा, ” प्रिय डा. हर्षवर्धन जिन चिंताओं को मैंने उठाया है वे वास्तविक हैं और मैंने कल्पना नहीं की है। यह डर का व्यापार नहीं है। देखें कि नॉर्वे में क्या हो रहा है। यह एक अलग वैक्सीन हो सकती है लेकिन यह वैक्सीन राष्ट्रवाद के पीछे छिप नहीं सकता है। 

वैक्सीन के पीछे विज्ञान

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा,”श्री मनीष तिवारी जी, कोरोना वैक्सीन के पीछे का विज्ञान दृढ़ है हमारे वैज्ञानिकों ने वैक्सीन के विकास में तेजी लाने के लिए बिजली की गति से काम किया है जो एक वैक्सीन के विकास में योगदान देता है लेकिन एक भी कार्य नहीं किया गया अन्य सभी के ऊपर सुरक्षा मार्गदर्शक सिद्धांत रहा है!”

चिकित्सक बिरादरी विभाजित क्यों ?

स्वास्थ्य मंत्री के इस ट्वीट पर तिवारी ने अगला ट्वीट करते हुए कहा, ” हर्षवर्धन जी जब आप ऐसा कहते हैं और जैसा कि आप जानते हैं कि मेरे और पास आपके लिए गहरा व्यक्तिगत संबंध है, मैं इसके लिए आपका शब्द लेने के लिए तैयार हूं। हालाँकि COVXIN की सुरक्षा, विश्वसनीयता और प्रभावकारिता पर चिकित्सक बिरादरी इतनी गहराई से क्यों विभाजित है?। 

इसी के साथ मनीष तिवारी ने आरएमएल हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टरों का एक लेटर ट्वीट करते हुए पूंछा, “क्या यह पत्र वास्तविक या फर्जी है? एक पत्रकार ने मुझे भेजा। बस इसे अपके ध्यान में लाना है।”

ज्ञात हो कि, तिवारी ने भारत बायोटेक की वैक्सीन की मंजूरी देने पर कई सवाल उठाए। उन्होंने दावा करते हुए कहा, कई प्रतिष्ठित डॉक्टरों ने सरकार के साथ COVAXIN की प्रभावकारिता और सुरक्षा के संबंध में सवाल उठाए हैं और कहा है कि लोग यह नहीं चुन पाएंगे कि वे किस वैक्सीन को लेना चाहते हैं। यह सूचित सहमति के पूरे सिद्धांत के खिलाफ जाता है।”

इसी के साथ उन्होंने कहा, “यदि वैक्सीन इतना सुरक्षित, विश्वसनीय है और वैक्सीन की प्रभावकारिता प्रश्न से परे है तो फिर यह कैसे हो सकता है कि सरकार का एक भी मंत्री खुद पहले टीकाकरण के लिए आगे नहीं बढ़ा है क्योंकि यह दुनिया भर के अन्य देशों में हुआ है?।”