Voting begins for Greater Hyderabad Municipal Corporation election

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हैदराबाद. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव के लिए मंगलवार सुबह मतदान आरंभ हो गया। इस चुनाव के लिए विधानसभा और संसदीय चुनाव की तरह प्रचार हुआ और कई राष्ट्रीय स्तर के नेता मैदान में उतरे। जीएचएमसी के 150 वार्ड के लिए मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और यह शाम छह बजे तक चलेगा। इस चुनाव में कुल 74,44,260 मतदाता मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे और कुल 1,122 उम्मीदवार मैदान में हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, सत्तारूढ़ टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और तेलंगाना नगर प्रशासन मंत्री के टी रामा राव तथा अभिनेता-नेता चिरंजीवी ने सुबह अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

किशन रेड्डी और रामा राव ने मतदाताओं से मतदान अवश्य करने की अपील की। तेलंगाना राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने सुचारू मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए 48,000 मतदान कर्मियों और 52,500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है । मुख्य राजनीतिक दलों और कोविड-19 महामारी के संबंध में स्वास्थ्य विभाग की राय जानने के बाद आयोग ने मतपत्रों के जरिए चुनाव कराने का फैसला किया। महामारी के मद्देनजर आयोग ने विशेष इंतजाम भी किए हैं। चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ टीआरएस, विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के बीच है।

चुनाव के लिए दलों ने जोरदार प्रचार किया था। राज्य विधानसभा की दुबक सीट पर हाल में हुए उपचुनाव में जीत से उत्साहित भाजपा ने जीएचएमसी चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी, जो सिकंदराबाद से सांसद हैं, भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या समेत कई शीर्ष नेताओं ने प्रचार किया। भजापा ने प्रचार के दौरान राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस और एआईएमआईएम के कथित गठबंधन को रेखांकित किया और मतदाताओं से पारदर्शी शासन के लिए उसके पक्ष में मत देने की अपील की।

हालांकि, टीआरएस ने एआईएमआईएम से किसी प्रकार के गठबंधन से इनकार किया। टीआरएस की ओर से प्रचार की कमान नगर प्रशासन मंत्री के टी रामाराव ने संभाली जबकि राज्य के मुख्यमंत्री एवं पार्टी सुप्रीमो के. चंद्रशेखर राव ने भी जनसभाओं को संबोधित किया। जीएचएमसी चुनाव में हार से टीआरएस की छवि को नुकसान हो सकता है और ऐसा होने पर सत्तारूढ़ दल के खिलाफ विपक्ष अपना अभियान तेज कर सकता है। कांग्रेस के प्रचार अभियान का नेतृत्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी और कार्यकारी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने किया। एक समय राज्य की राजनीति में शक्तिशाली रही तेलुगु देशम पार्टी भी एक बार फिर खोई जमीन वापस लेने की कोशिश के तहत मैदान में उतरी है और उसने अविभाजित आंध्र प्रदेश में एन चंद्रबाबू नायडू के मुख्यमंत्री रहते शहर के विकास के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया। प्रचार अभियान के दौरान टीआरएस और भाजपा के नेताओं के बीच तीखी जुबानी जंग भी चली। मतगणना चार दिसंबर को होगी।(एजेंसी)