नई दिल्ली: स्वास्थ्य (Health) ठीक रहने के लिए अच्छी हवा (Air) बहुत जरुरी है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से देश के कुछ राज्यों में बहुत बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण (Air Pollution) देखा गया है। जी हां पिछले कुछ दिनों से देश में हवा की गुणवत्ता काफी खराब हो गई है। देश की राजधानी दिल्ली (Delhi Air Pollution) में वायु प्रदूषण के कारण नागरिकों का सांस लेना मुश्किल हो गया है।
इतना ही नहीं बल्कि सपनों की नगरी कहे जानी वाली मुंबई में भी हवा (Mumbai Air Pollution) की गुणवत्ता दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार की ओर से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में अब देश में वायु प्रदूषण को लेकर एक बहुत चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। आइए जानते है पूरी खबर विस्तार…
Are you choking? Air pollution kills over 20 lakh Indians annually, finds study https://t.co/5OOcNGu3Fl Nature needs rest or annual leave every year like us. So please introduce semi- lockdown for 6 weeks pre monsoons every year in all metropolitan cities & big towns across India
— Madhu S (@divsgm) November 30, 2023
21 लाख लोगों की मौत
आपको जानकर हैरानी होगी कि वायु प्रदूषण के कारण भारत में हर साल लगभग 21 लाख लोगों की मौत हो जाती है। यह चौंकाने वाली जानकारी एक रिसर्च रिपोर्ट से सामने आई है। इससे भारतीय वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है और इस बात पर रिसर्च की जरूरत है कि आखिर वायु प्रदूषण को कैसे कम किया जा सकता है।
#WATCH दिल्ली में धुंध की परत छाई हुई है। शहर में समग्र वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है।
(ड्रोन वीडियो सिग्नेचर ब्रिज से सुबह 7:50 बजे लिया गया है। pic.twitter.com/HauagVIsBB
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 1, 2023
यहां होती है सबसे ज्यादा मौतें
वायु प्रदूषण अध्ययन के मुताबिक, देश में प्रदूषण के कारण हर साल 2.18 मिलियन यानी 21 लाख लोगों की मौत हो जाती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि वायु प्रदूषण के कारण चीन में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। ऐसे में भारत में अब यह परेशानी की बात है।
वायु प्रदूषण से अनेकों बीमारियां
आपको बता दें कि इस अध्ययन के लिए एक नया मॉडल लागू किया गया था। प्रदूषण के इन कारणों में लगभग सभी बाहरी स्रोत शामिल हैं। वायु प्रदूषण से होने वाली 52 प्रतिशत मौतें हृदय रोग, दीर्घकालिक प्रतिरोधी फेफड़ों की बीमारी और मधुमेह जैसी सामान्य स्थितियों से संबंधित हैं। दिन ब दिन यह समस्या बढ़ते ही जा रही है।
दुनिया में 51 लाख लोगों की मौत
इसके अलावा, मृत्यु के 20 प्रतिशत मामले उच्च रक्तचाप, अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों से संबंधित हैं। इस बीच, अध्ययनों से यह भी पता चला है कि उद्योग, बिजली उत्पादन और परिवहन में जीवाश्म ईंधन के उपयोग के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के कारण हर साल दुनिया भर में 51 लाख लोगों की मौत हो जाती है। ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि आखिर इस तरह वायु प्रदूषण से कब तक मौतें होती रहेगी। कब इस गंभीर समस्या का समाधान होगा।