नयी दिल्ली. भारत के उड्डयन नियामक डीजीसीए (DGCA) ने मंगलवार को कहा कि 9 पायलट और चालक दल के 32 सदस्य एक जनवरी से 30 अप्रैल के बीच उड़ान से पहले किये गए ‘अल्कोहल टेस्ट’ (शराब के सेवन का पता लगाने के लिए की गई जांच) में असफल रहे।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक बयान में कहा, “उनमें से दो पायलट और चालक दल के दो सदस्यों को जांच में दूसरी बार असफल रहने के लिए तीन साल की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है।”
उसने कहा कि शेष सात पायलट और चालक दल के 30 सदस्यों को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया क्योंकि वे पहली बार बीए (ब्रेथलाइज़र) जांच में पॉजिटिव पाये गए थे।
During this period nine Pilots and 32 cabin crew were found breath analyser test (BA) positive. Out of these, two pilots and two cabin crew have been suspended for a period of three years for being positive for the second time: Directorate General of Civil Aviation (DGCA)
— ANI (@ANI) May 10, 2022
डीजीसीए के अनुसार, इंडिगो के चार पायलट और चालक दल के 10 सदस्य, गो फर्स्ट के एक पायलट और चालक दल के पांच सदस्य, स्पाइसजेट के एक पायलट और चालक दल के छह सदस्य, एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक पायलट और एयरएशिया इंडिया के चालक दल के चार सदस्य उक्त अवधि में उड़ान पूर्व अल्कोहल जांच में विफल रहे।
विमानन नियामक ने कहा कि विस्तारा का एक पायलट और चालक दल के दो सदस्य, एलायंस एयर का एक पायलट और एयर इंडिया के चालक दल के पांच सदस्य भी जांच में विफल रहे।
डीजीसीए ने पिछले महीने कहा था कि एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पायलट और चालक दल के सदस्यों में से 50 प्रतिशत का ‘अल्कोहल टेस्ट’ हो।
कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पहले, चालक दल के सभी सदस्यों को उड़ान से पहले शराब सेवन का पता लगाने के लिए इस जांच से गुजरना पड़ता था। हालांकि जब महामारी आयी, तो जांच कुछ महीनों के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद, जांच फिर से शुरू की गई लेकिन चालक दल के सदस्यों के केवल एक छोटे हिस्से के लिये। (एजेंसी)