चेन्नई: बीजेपी (BJP) को हाल ही में एक तगड़ा राजनैतिक झटका लगा है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तमिलनाडु में उसकी सहयोगी पार्टी अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने उससे नाता तोड़ा है। अन्नाद्रमुक ने एक बयान में बीजेपी से अलग होने की वजह बताई है। उनका कहना है कि यह फैसला पार्टी के कार्यकर्ताओं की है।
कार्यकर्ताओं का फैसला
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक महासचिव ईके पलानीस्वामी ने बीजेपी के साथ चार साल पुराने गठबंधन को तोड़ने के पीछे का कारण पार्टी के कार्यकता को बताया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला दो करोड़ पार्टी कार्यकर्ताओं ने लिया है। पलानीस्वामी ने कहा कि पार्टी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि उसने भाजपा के साथ अपना गठबंधन खत्म करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव के रूप में बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला उनका अकेले का नहीं था, बल्कि यह पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा लिया गया एक सामूहिक निर्णय था।
गठबंधन करना पड़ता है
अन्नाद्रमुक से जब पूछा गया कि उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन क्यों किया था। इस पर पलानीस्वामी ने कहा कि कभी-कभी राष्ट्रीय दलों के साथ गठबंधन करना पड़ता है। फिर कई बार ऐसे फैसलों का समर्थन भी करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो हमारे अनुकूल नहीं है। अब आगे से हमारे पास ऐसा कोई मुद्दा नहीं होगा। हालांकि पलानीस्वामी ने एक बार फिर यह बात दोहराई कि अगले साल के लोकसभा चुनाव के लिए अन्नाद्रमुक के नेतृत्व में एक गठबंधन बनाया जाएगा।
जेपी नड्डा से शिकायत
अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई की आक्रामक राजनीति से पैदा हुए हालातों के बारें में बताया था। उन्होंने तब अन्नामलाई से सीएन अन्नादुरई पर टिप्पणी करने के लिए माफी मांगने को कहा था।
4 साल का गठबंधन
बता दें, अन्नाद्रमुक ने 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के दौरान सहयोगी के रूप में बीजेपी के साथ गठबंधन किया था। इसके बाद अन्नाद्रमुक ने अब 25 सितंबर 2023 को बीजेपी से अपना नाता तोड़ लिया था और पार्टी मुख्यालय में एक बैठक के बाद राजग गठबंधन से यह कहते हुए अलग हो गई थी कि बीजेपी अन्नाद्रमुक के पूर्व नेताओं के बारे में अनावश्यक टिप्पणी कर रही है।