जम्मू: दक्षिण कश्मीर में हिमालयी क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की यात्रा (Amarnath Yatra 2022) कोविड-19 महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण दो साल तक बंद रहने के बाद 30 जून को शुरू होगी। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के पदाधिकारियों ने रविवार को बताया कि 43 दिवसीय यात्रा 11 अगस्त को संपन्न होगी। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि यहां राजभवन में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में एसएएसबी की 41वीं बैठक में यह फैसला लिया गया।
अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए तीर्थयात्रा अनंतनाग जिले में पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में बालटाल मार्ग, दोनों से शुरू होगी जबकि ऑनलाइन पंजीकरण 11 अप्रैल से शुरू होगा। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को अगस्त 2019 में समाप्त किये जाने के कारण उस वर्ष अमरनाथ यात्रा बीच में ही रद्द कर दी गयी थी, जबकि कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले दो वर्षों- यानी 2020 और 2021 में सांकेतिक यात्रा की ही अनुमति दी गयी थी।
सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘आज श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की। तैंतालीस दिवसीय तीर्थयात्रा कोविड से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 30 जून से शुरू होगी और इसका समापन परम्परा के अनुरूप रक्षा बंधन के दिन होगा। हमने आगामी तीर्थयात्रा से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर गहराई से विचार-विमर्श किया है।” बैठक की जानकारियां देते हुए प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड ने मार्ग के आधार पर श्रद्धालुओं की दैनिक संख्या 10,000 तक सीमित रखने का फैसला किया है। इसमें हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वाले यात्री शामिल नहीं हैं।
Chaired Board meeting of Shri Amarnathji Shrine Board. The 43-day holy pilgrimage will commence on 30th June with all covid protocols in place & culminate, as per the tradition,on the day of Raksha Bandhan.We had in-depth discussion on various issues also on upcoming Yatra. pic.twitter.com/TK3UiUfF54
— Manoj Sinha (@manojsinha_) March 28, 2022
उन्होंने बताया कि बोर्ड ने 2.75 किलोमीटर लंबे बालटाल से डोमेल मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क बैटरी कार सेवा शुरू करने का भी फैसला किया है। बैठक को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने अधिकारियों से सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार श्रद्धालुओं की कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए रास्ते में उनकी गतिविधि पर नजर रखने के लिए आरएफआईडी प्रणाली ला रही है।” सिन्हा ने सभी श्रद्धालुओं को उत्कृष्ट स्वास्थ्य एवं स्वच्छता सुविधाएं देने पर भी खास जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को संतों की तीर्थयात्रा के लिए अखाड़ा परिषदों और आचार्य परिषदों को विशेष निमंत्रण भेजे का भी निर्देश दिया।
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने यात्रा के लिए सुरक्षा इंतजाम की योजना पर बोर्ड को जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि बोर्ड दुनियाभर के श्रद्धालुओं के लिए सुबह और शाम होने वाली आरती का सीधा प्रसारण भी करेगा। यात्रा, मौसम और कई सेवाएं ऑनलाइन प्राप्त करने के बारे में सूचना प्राप्त करने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर ‘श्री अमरानाथजी यात्रा’ ऐप मुहैया करायी गयी है।