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    मुंबई. एक विशेष अदालत ने सोमवार को कहा कि मुंबई तट पर एक क्रूज़ जहाज से प्रतिबंधित मादक पदार्थ जब्त किए जाने के मामले में गिरफ्तार आर्यन खान की जमानत याचिका पर 13 अक्टूबर को सुनवाई की जाएगी। अभिनेता शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान से जुड़े इस मामले में अदालत ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) को उसी दिन जवाब दाखिल करने को कहा। विशेष न्यायाधीश वी वी पाटिल राष्ट्रीय स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम से संबंधित मामले पर सुनवाई कर रहे थे। अदालत ने कहा कि जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई की जाएगी।

    इससे पहले एनसीबी ने कहा कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता नहीं है। ब्यूरो ने हलफनामा दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिए जाने का अनुरोध किया। वहीं, बचाव पक्ष ने कहा कि आर्यन को “फंसाया गया” है और उन्हें जमानत पर रिहा करने से जांच नहीं रुकेगी। एनसीबी ने गोवा जा रहे ‘कॉर्डेलिया क्रूज़’ जहाज पर छापेमारी के बाद तीन अक्टूबर को आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। वह अभी मुंबई में आर्थर रोड जेल में बंद हैं।

    उन्होंने पिछले सप्ताह जमानत के लिए मजिस्ट्रेट अदालत का रुख किया था। मजिस्ट्रेट अदालत ने कहा था कि जमानत आवेदन पर विचार करने का उसे अधिकार नहीं है। इसके बाद आर्यन ने विशेष अदालत का रुख किया था। आर्यन खान ने अपनी याचिका में कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है और उन्हें मामले में फंसाया गया है।

    याचिका में कहा गया है, ‘‘यह बताने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है कि आवेदक (आर्यन खान) किसी भी मादक पदार्थ के उत्पादन, निर्माण, पास में रखने, बिक्री या खरीद से जुड़े हैं…।”

    याचिका में कहा गया है कि आर्यन खान के पास से कोई भी आपत्तिजनक मादक पदार्थ या कोई अन्य सामग्री बरामद नहीं हुई थी तथा उनकी समाज में मजबूत जड़ें हैं और इसलिए उनके फरार होने या न्याय से भागने की कोई संभावना नहीं है। आर्यन खान के वकील अमित देसाई ने जब सोमवार को जमानत याचिका का जिक्र किया तो एनसीबी के वकीलों ए एम चिमलकर और अद्वैत सेठना ने जवाब देने और हलफनामा दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच अब भी जारी है, एजेंसी द्वारा काफी सामग्री भी एकत्र की गई है और इस स्तर पर, यह देखने की जरूरत है कि क्या आर्यन खान को जमानत पर रिहा करने से मामले की जांच में बाधा आएगी या नहीं।

    देसाई ने हालांकि इसका विरोध किया और कहा कि यह एक व्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल है। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी को जमानत पर रिहा करने से मामले में जांच बंद नहीं होगी। देसाई ने कहा, ‘‘ जमानत देने से जांच बंद नहीं हो जाएगी। एनसीबी जांच जारी रख सकता है। यह उनका काम है। लेकिन मेरे मुवक्किल (आर्यन) को हिरासत में रखना जरूरी नहीं है, क्योंकि उनके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है। उनके (आर्यन) पास से कोई मादक पदार्थ नहीं मिला और उनके खिलाफ कोई अन्य सामग्री भी नहीं मिली। गिरफ्तारी के बाद से वह एक हफ्ते से एनसीबी की हिरासत में हैं और दो बार उनका बयान दर्ज किया गया है। अब उन्हें जेल में रखने की क्या जरूरत है?” चिमलकर ने हालांकि कहा कि एजेंसी को जवाब दाखिल करने के लिए कम से कम कुछ दिन तो चाहिए।

    उन्होंने कहा, ‘‘……आर्यन खान न्यायिक हिरासत में हैं। जमानत पर उनकी रिहाई हमारी जांच को प्रभावित करेगी या बाधित करेगी, इस पर गौर करने की जरूरत है।” एनसीबी के वकील सेठना ने कहा कि जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की बहुत ज्यादा आवश्यकता नहीं है। देसाई ने तब अदालत से आर्यन खान की याचिका पर अलग से सुनवाई और फैसला करने की मांग करते हुए कहा कि प्रकरण में प्रत्येक आरोपी से मादक पदार्थ की बरामदगी का मामला अलग-अलग था। चिमलकर और सेठना ने इसका विरोध किया और कहा कि यह एक ही मामला है।

    इसके बाद, अदालत ने कहा कि आर्यन खान की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई की जाएगी। आर्यन खान के अलावा, मामले में गिरफ्तार मुनमुन धमेचा, अरबाज मर्चेंट, नूपुर सतीजा और मोहक जायसवाल ने भी जमानत याचिका दायर की है। आर्यन खान के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8(सी), 20(बी), 27, 28, 29 और 35 के तहत मामला दर्ज किया गया है। एनसीबी मामले में अभी तक 20 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। (एजेंसी)