नई दिल्ली: पीएम मोदी ने आज 5वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन (BIMSTEC Summit) में आज वर्चुअल मोड से हिस्सा लिया। इस बैठक की मेजबानी श्रीलंका ने की जो बिम्सटेक का मौजूदा अध्यक्ष भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि पिछले 2 सालों के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्ष ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है। जिसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं। आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिप्रेक्ष्य में से हमारा क्षेत्र अछूता नहीं रहा है। हम अभी भी कोरोना के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत 1 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा।
ज्ञात हो कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिम्सटेक की स्थापना का ये 25वां वर्ष है इसलिए आज के समिट को मैं विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानता हूं। इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे। उन्होंने कहा कि यह महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत सचिवालय केपरिचालन बजट को बढ़ाने के लिए 1 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा।
यह महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत सचिवालय केपरिचालन बजट को बढ़ाने के लिए 1 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 30, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिम्सटेक हमारी अपेक्षाओं को पूरा करे, इसके लिए सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी महत्त्वपूर्ण है। मेरा सुझाव है कि सेक्रेटरी जनरल इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक रोडमैप बनायें। पिछले कुछ सप्ताह में यूरोप के डेवलपमेंट से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के स्थायित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है इस संदर्भ में बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को और सक्रिय बनाना महत्वपूर्ण हो गया है। आज हमारे बिम्सटेक चार्टर को अपनाया जा रहा है।
PM ने कहा कि हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक FTA के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक है। हमें अपने देशों के उद्यमियों और स्टार्टअपके बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए। इसी के साथ हमें ट्रेड फ़ैसिलिटेशन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानदंड को अपनाने का भी प्रयत्न करना चाहिए।