BJP Celebration
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    नयी दिल्ली/पटना/मुंबई. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने छह राज्यों में सात विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में चार पर जीत दर्ज की, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने एक-एक सीट जीती है। उपचुनाव के नतीजे रविवार को घोषित किये गए और भाजपा ने तीन सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। मुंबई में अंधेरी (पूर्व) विधानसभा सीट पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की उम्मीदवार ऋतुजा लटके ने जीत दर्ज की। इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके दिवंगत पति कर रहे थे। इस सीट पर भाजपा सहित बड़े दलों ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे और वहां दूसरा सर्वाधिक मत प्रतिशत (14.79 प्रतिशत) उपरोक्त में से कोई नहीं (नोटा) के विकल्प को मिला।

    भाजपा ने कहा कि तीन नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर जनता की मुहर है क्योंकि पार्टी ने उत्तर प्रदेश में गोला गोकर्णनाथ, ओडिशा में धामनगर और बिहार में गोपालगंज सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। तीनों सीट पर पार्टी के विधायकों का निधन हो जाने के बाद हुए उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी। भाजपा ने तीनों जगह पार्टी के दिवंगत विधायकों के परिजन को टिकट दिया।

    भाजपा उम्मीदवार एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई ने राज्य की आदमपुर सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस के उम्मीदवार जय प्रकाश को करीब 16,000 मतों के अंतर से हराया। आम आदमी पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई क्योंकि वे कुल पड़े वोट का छठा हिस्सा तक हासिल नहीं कर सकें। भव्य के पिता कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के चलते इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी।

    बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल होने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। आदमपुर सीट पर 1968 से भजनलाल परिवार का कब्जा रहा है। इस सीट से भजनलाल नौ बार और उनकी पत्नी जस्मा देवी एक बार तथा उनके बेटे कुलदीप चार बार विधायक रहे हैं।

    उपचुनाव में यह एकमात्र सीट थी, जहां कांग्रेस विजेता दल के उम्मीदवार को टक्कर देती नजर आई। पार्टी ने आदमपुर (हरियाणा) और मुनूगोड़े (तेलंगाना) सीट गंवा दी, जहां इसके विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और वे भाजपा में शामिल हो गये थे। बिहार में, मोकामा विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की जीत का अंतर घट गया और यह पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद के गृह जिले (गोपालगंज) में गोपालगंज सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी। इस सीट पर भाजपा ने अपना कब्जा बरकरार रखा है।

    यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत महागठबंधन (राजद-जदूय-कांग्रेस) सरकार की पहली चुनावी परीक्षा थी। जनता दल (यूनाइटेड) के भाजपा से नाता तोड़ने के बाद राज्य में नीतीश के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार महज तीन महीने पहले बनी थी। राजद उम्मीदवार नीलम देवी ने मोकामा सीट पर 16,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उनके पति एवं विधायक अनंत कुमार सिंह के अयोग्य घोषित होने के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी। भाजपा ने इस सीट पर पहली बार उम्मीदवार उतारा क्योंकि पूर्व के चुनावों में उसने यह सीट अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ रखी थी।

    गोपालगंज से विधायक रहे सुभाष सिंह की पत्नी एवं भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी को 70,032 वोट मिले, जबकि राजद के मोहन गुप्ता को 68,243 मत मिले। सिंह का निधन हो जाने के चलते इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन(एआईएमआईएम) को 12,000 से अधिक वोट मिले और उसने सत्तारूढ़ महागठबंधन का गोपालगंज में खेल बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। कांग्रेस की बिहार इकाई के प्रवक्ता असीत तिवारी ने ओवैसी पर भाजपा की जीत में मदद करने का आरोप लगाया।

    बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा की जीत का अंतर घटना एक ‘‘सफलता” है और महागठबंधन 2024 का लोकसभा चुनाव जीतेगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “सभी विपक्षी ताकतों के एकजुट हो जाने के बावजूद, लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विकासोन्मुखी नेतृत्व पर अपनी मुहर लगाई। इससे यह स्पष्ट है कि बिहार के लोगों का विश्वास हमारे साथ है।”

    उन्होंने कहा कि गोला गोकर्णनाथ (उप्र) और आदमपुर में मिली जीत भाजपा की डबल इंजन सरकारों को जनसमर्थन को प्रदर्शित करती है। उप्र की सीट पर भाजपा के अमन गिरि ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार को 34,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया।

    एक अधिकारी ने बताया, “अमन गिरि ने 34,298 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्हें 1,24,810 मत मिले जबकि विनय तिवारी को 90,512 वोट मिले।” इस बीच, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गोला गोकर्णनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा सरकार पर धांधली करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने लोकतंत्र को पराजित किया है। यह सीट केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की लोकसभा सीट लखीमपुर खीरी के तहत आती है।

    तेलंगाना में मुनूगोड़े सीट पर टीआरएस उम्मीदवार कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी ने अपने निकटत प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा उम्मीदवार कोमातीरेड्डी राजगोपाल रेड्डी को हरा दिया, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पालवाई श्रावंती तीसरे स्थान पर रहीं। राज्य में मंत्री एवं मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे के. टी. रामा राव ने एक ट्वीट में कहा, “वादे के अनुसार, विधानसभा क्षेत्र को गोद लूंगा और लंबित कार्यों की तीव्र प्रगति के लिए कार्य करूंगा।”

    ओडिशा की धामनगर सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने रविवार को जीत दर्ज की। भाजपा ने पार्टी के दिवंगत विधायक बिष्णु चरण सेठी के बेटे सूर्यवंशी सूरज को इस सीट से मैदान में उतारा था। सूरज ने राज्य में सत्तारूढ़ बीजद की उम्मीदवार अंबाती दास को 9,881 के अंतर से हराया।

    निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि भाजपा उम्मीदवार एवं सेठी के पुत्र सूर्यवंशी सूरज को 80,351 वोट जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी अंबाती दास को 70,470 वोट मिले। उन्होंने बताया कि कांग्रेस उम्मीदवार बाबा हरेकृष्णा सेठी को केवल 3,561 मत मिले। मुंबई में एक अधिकारी ने बताया कि अंधेरी (पूर्वी) विधानसभा सीट पर उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की उम्मीदवार ऋतुजा लटके को 66 हजार से अधिक मत मिले जबकि नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प के पक्ष में 12,806 वोट पड़े हैं।

    नोटा मतदाताओं को चुनाव में किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान न करने का विकल्प देता है। लटके को कुल 86,570 मतों से 66,530 मत प्राप्त हुए। ठाकरे ने कहा कि इस जीत ने यह प्रदर्शित किया है कि लोग शिवसेना का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने अपने आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा, “यह लड़ाई की महज शुरूआत भर है। पार्टी का चुनाव चिह्न महत्वपूर्ण है लेकिन लोग छवि भी देखते हैं। उपचुनाव के नतीजों ने यह प्रदर्शित किया है कि लोग हमारा समर्थन करते हैं।” (एजेंसी)