रांची; झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रमुख शिबू सोरेन (Shibu Soren) के सबसे छोटे बेटे बसंत सोरेन (Basant Soren) ने आठ अन्य विधायकों के साथ शुक्रवार को चंपई सोरेन (Champei Soren ) के नेतृत्व में बनी नयी सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। बसंत सोरेन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के छोटे भाई हैं। हेमंत कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। झारखंड के 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल में जिन नए चेहरों को शामिल किया गया है, उनमें झामुमो के चाईबासा से विधायक दीपक बिरुआ और बसंत सोरेन हैं।
मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार।@DrRameshwarOra1 श्री दीपक बिरुआ श्री @BannaGupta76
श्री @Badal_Patralekh
श्री @MithileshJMM
श्री @BasantSorenMLA
श्री हफीजुल हसन एवं
श्रीमती @bebidevi_mla ने मंत्री पद की शपथ ली। pic.twitter.com/KIGuwcl0S7— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) February 16, 2024
हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल रहे और अब चंपई सोरेन के मंत्रिमंडल में भी शामिल किये गये नेताओं में झामुमो के मिथिलेश कुमार ठाकुर, हफीजुल हसन और बेबी देवी के अलावा कांग्रेस के रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख शामिल हैं। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के बिरसा मंडप में हुआ और इस दौरान झामुमो नीत गठबंधन के वरिष्ठ नेता और अन्य सरकारी अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले दो फरवरी को 67 वर्षीय चंपई सोरेन ने राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली थी। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के 47 विधायक हैं।
इनमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राजद का एक विधायक है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 26 और ऑल झारखंड स्टुडेंट्स यूनियन पार्टी (आजसू) के तीन विधायक हैं। इनके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के एक-एक विधायक और दो निर्दलीय विधायक हैं। एक मनोनीत सदस्य भी है।