Ashwini-vaishnaw
Image source: Social Media

Loading

गुवाहाटी: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने सोमवार को कहा कि 2014 से पहले पूर्वोत्तर के लिए रेलवे का आवंटन 2,000 करोड़ रुपये था लेकिन नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi)के नेतृत्व वाली सरकार में यह बढ़कर 10,200 करोड़ रुपये हो गया है जिससे क्षेत्र में परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी आई है। सेमी-हाई स्पीड गुवाहाटी-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रे (Vande Bharat Express)  की शुरुआत से पहले गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जून तक उन सभी राज्यों में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी, जहां मार्गों पर विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो गया है। देश में निर्मित ये ट्रेनें शताब्दी, राजधानी और लोकल ट्रेनों की जगह लेने को तैयार हैं। 

पूर्वोत्तर के लिए पहली वंदे भारत ट्रेन असम में गुवाहाटी को पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ेगी। यह इस श्रृंखला की 18वीं ट्रेन है। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हरी झंडी दिखाई। वैष्णव ने कहा, ‘‘15 से 20 साल पहले जो भी अच्छी चीज होती थी वह सिर्फ बड़े शहरों में हुआ करती थी, इसे पूर्वोत्तर तक पहुंचने में समय लगता था।” मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के आने के बाद इस ‘‘क्षेत्र के प्रति लोगों की मानसिकता में बदलाव आया है” और पूर्वोत्तर के लिए ‘‘लुक ईस्ट” नीति अब बदलकर ‘‘एक्ट ईस्ट” हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 से पहले पूर्वोत्तर के मद में रेलवे के लिए आवंटन सिर्फ 2,000 करोड़ रुपये होता था। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे दोगुना, तिगुना और फिर पांच गुना बढ़ाकर 10,200 करोड़ रुपये कर दिया।” उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में कार्य और परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी आई।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि गुवाहाटी-न्यू जलपाईगुडी वंदे भारत का उद्देश्य क्षेत्र के लोगों को तीव्र गति से और सुविधाजनक यात्रा उपलब्ध कराने के साथ साथ क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देना है। बयान में कहा गया है कि गुवाहाटी और पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी को जोड़ने वाली इस नयी वंदे भारत एक्सप्रेस से, दोनों स्थानों के बीच मौजूदा सबसे तीव्र ट्रेन की तुलना में यात्रा के समय में करीब एक घंटे की बचत होगी। यात्रा में करीब साढ़े पांच घंटे का समय लगेगा जबकि मौजूदा सबसे तीव्र ट्रेन को इतनी दूरी तय करने में करीब साढ़े छह घंटे का समय लगता है। देहरादून-दिल्ली वंदे भारत की शुरुआत के दौरान 25 मई को वैष्णव ने कहा था कि अगले साल फरवरी-मार्च तक वंदे भारत रेलगाड़ियों के तीन प्रारूप- वंदे चेयर कार, वंदे मेट्रो और वंदे स्लीपर्स होंगे। 

वैष्णव ने कहा था, ‘‘वंदे भारत के तीन प्रारूप हैं। सौ किलोमीटर से कम की यात्रा के लिए वंदे मेट्रो, 100-550 किलोमीटर के लिए वंदे चेयर कार और 550 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए वंदे स्लीपर। ये तीनों प्रारूप फरवरी-मार्च (अगले साल) तक तैयार हो जायेंगे।” वैष्णव के पास संचार विभाग भी है। उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल के कार्यकाल में पूर्वोत्तर में दूरसंचार टावर की संख्या 20,000 से बढ़ाकर एक लाख कर दी गई है।(एजेंसी)