chandrayan-3
Pic: Social Media

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नई दिल्ली. जहां एक तरफ चंद्रयान3 (Chandrayan-3) के चांद पर पहुंचने बाद से ही ISRO द्वारा चांद पर लगातार कई प्रयोग किए जा रहे हैं। वहीं इसी कड़ी में आज यानी सोमवार को विक्रम लैंडर (Vikram Lander) की दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग कराई गई है। जिस लोकेशेन पर पहले ये लैंडर मौजूद था, उससे 40 सेमी। ऊपर उठकर ये कुछ दूरी पर अब दोबारा सॉफ्ट लैंड कराया गया है। इस बाबत ISRO का कहना है कि भविष्य के मिशन के लिए इस तरह का प्रयोग करना जरूरी हो गया था।

इस बाबत आज यानी सोमवार को ISRO ने बाकयदा एक ट्वीट किया जिसमें इस पूरे एक्सपीरिमेंट की जानकारी दी। ISRO ने लिखा कि, “भारत का विक्रम चांद पर फिर से सॉफ्ट लैंड किया है। विक्रम लैंडर ने अपने सभी मिशन पूरे कर चुका है और अब ये सफलतापूर्वक होप एक्सपीरिमेंट से गुजरा है।”

ISRO ने आगे जानकारी देते हुए लिखा कि, “कमांड दिए जाने पर विक्रम लैंडर के इंजन चालू हुए और ये 40 सेमी तक ऊपर उठा, फिर 30-40 सेमी दूर जाकर सॉफ्ट लैंड हो गया।” ISRO के अनुसार इसका मकसद भविष्य में लैंडर की वापसी और आने वाले मानवीय मिशन के लिए ट्रायल करना है।

गौरतलब है कि, इससे पहले चंद्रयान-3 के विक्रम और प्रज्ञान बीते करीब 12 दिन से लगातार काम कर रहे थे और अब फिलहाल उन्हें स्लीप मोड में डाल दिया गया है। यानी एक तरह से मिशन चंद्रयान-3 अब खत्म हो गया है और दुनिया को चांद के दक्षिणी हिस्से से जितनी जानकारी मिलनी थी वह ISRO के पास हो गई है। 

इस बाबत ISRO ने जानकारी दी थी कि, प्रज्ञान रोवर के सभी असाइनमेंट पूरे हो गए हैं। अब उसे एक सुरक्षित जगह पर पार्क कर दिया गया है और स्लीप मोड में भी डाल दिया गया है। इस पर लगे APXS और LIBS पेलोड को भी फिलहाल बंद कर दिया गया है। इन दोनों पेलोड में जो डाटा था, उन्हें विक्रम लैंडर के जरिए पृथ्वी पर सुरक्षित भेज दिया गया है।

ISRO ने यह भी बताया था कि, अभी विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है। वहीं चांद पर अगला सूर्योदय 22 सितंबर 2023 को होगा, ऐसे में तब सोलर पैनल को सूरज की किरणें मिलेंगी। इसका रिसीवर ऑन रखा है, उम्मीद है कि ये फिर से उठ पाएगा और नए काम कर पाएगा। अन्यथा, ये चांद के इस हिस्से पर हमेशा भारत का प्रतिनिधित्व तो जरुर करता रहेगा।