
अहमदाबाद: देश में कई लोग है जिनकी समाजसेवा में रुचि है। अलग-अलग लोग नए नए तरीके से समाजसेवा करते है और इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है। आज हम ऐसे ही एक शख्श से आपको रूबरू कराने जा रहे है, जिन्होंने अपनी इच्छा से 100 बार रक्तदान किया है। हम बात कर रहे है गुजरात के अहमदाबाद में नारणपुरा की रहने वाली 58 वर्षीय चेतना पारिख (Chetana Parikh) की। चेतना ने अपने पति डॉ विनीत पारिख के साथ रक्तदान करके भारत की तीसरी महिला सेंचुरियन रक्तदाता बन गई है। इसी के साथ उन्होंने एक नया रिकॉर्ड बना लिया है।
बता दें कि चेतना पारीख के साथ साथ अहमदाबाद शहर के लिए भी एक उपलब्धि होगी। इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) के अधिकारियों ने कहा कि यह रिकॉर्ड पहले ही दो महिला के नाम है, जिन्होंने 100 से अधिक बार रक्तदान किया है और दोनों शहर से हैं। अंतरराष्ट्रीय कर सलाहकार और इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी अहमदाबाद के मानद चेयरमैन मुकेश पटेल ने कहा कि यह किसी भी शहर के लिए एक दुर्लभ उपलब्धि है।
उन्होंने कहा, “अहमदाबाद की केतकी शाह 2006 में भारत की पहली महिला सेंचुरियन रक्तदाता बनीं और वह 17 साल तक महिलाओं में एकमात्र सेंचुरियन रहीं। वहीं, उनके बाद अहमदाबाद की ही दूसरी महिला डिंपल भिमानी अप्रैल 2023 में दूसरी सेंचुरियन बनीं। शहर में अब तक दो महिलाएं सेंचुरियन है और रविवार को इसमें एक और (चेतना पारिख) जोड़ देंगे।”
पारिख ने टीओआई को बताया कि उनका पहला रक्तदान कॉलेज के पहले वर्ष में था। टाइम्स ऑफ़ इंडिया के रिपोर्ट के अनुसार, पारिख ने बताया कि उनका पहला रक्तदान कॉलेज के पहले वर्ष में था। वर्ष 1985 था, और मुझे अभी भी याद है कि कालूपुर में हमारे कॉलेज में एक रक्तदान शिविर आयोजित किया गया था। स्वयंसेवकों ने कहा कि सभी को रक्तदान करना चाहिए – उस समय, स्वैच्छिक रक्तदान आम नहीं था और रक्त की कमी नियमित थी। उन्होंने कहा, “मैं और मेरी दोस्त केवल दो महिलाएं थीं, जिन्होंने रक्तदान किया। जब मेरे परिवार को इसके बारे में पता चला, तो वे क्रोधित हो गए।
अंतरराष्ट्रीय कर सलाहकार और आईआरसीएस अहमदाबाद के मानद अध्यक्ष मुकेश पटेल ने कहा, “यह शहर दुनिया में एकमात्र ऐसा शहर है जहां इतने सारे शतक हैं।”