नई दिल्ली. चीन के वुहान से जन्मे कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर मचाया हैं। वहीं अगर भारत की बात करें तो यहां अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं। WHO विशेषज्ञ के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस का विस्फोट नहीं हुआ है। लेकिन ऐसा होने का ख़तरा बना हुआ हैं। क्योंकि देश अपने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को अनलॉक करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जो मार्च 25 से लागू किया गया था।
बता दें कि शनिवार को भारत में 9,887 कोरोनो संक्रमित नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद संक्रमितों की संख्या 2,36,657 पहुंच गई हैं। वहीं मरने वालों की संख्या 6,642 हो गई है, जिसमे 294 लोगों की मौत पिछले 24 घंटों में हुई हैं। जबकि 1,15,050 लोग पूरी तरह ठीक हो गए है। वार्तमान में 1,19,006 सक्रीय मामले है।
WHO हेल्थ इमर्जेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक माइकल रयान ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कोरोनावायरस के मामलों का दोगुना समय इस स्तर पर लगभग तीन सप्ताह है। वहीं महामारी की यात्रा की दिशा में घातक नहीं है, लेकिन यह अभी भी बढ़ रहा है। महामारी का प्रभाव भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग है।
रयान ने आगे कहा कि दक्षिण एशिया में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अन्य देशों में बड़ी घनी आबादी के साथ, बीमारी का विस्फोट नहीं हुआ है।लेकिन ऐसा होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि भारत में किए गए उपायों जैसे कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन प्रसार धीमा करने में प्रभाव पड़ता है, लेकिन देश खुलते ही मामलों में वृद्धि का खतरा बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा भारत में किए गए उपायों का निश्चित रूप से प्रसार में प्रभाव पड़ा है। भारत जैसे अन्य बड़े देश जैसे-जैसे खुलते हैं और लोगों की गतिविधियाँ शुरू होती है। तो ऐसे में हमेशा बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। आगे उन्होंने कहा बड़ी मात्रा में प्रवास, शहरी परिवेश में घनी आबादी और इस तथ्य के बारे में भारत में विशिष्ट मुद्दे हैं। जैसे कि कई श्रमिकों के पास हर दिन काम पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
वहीं WHO के मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि मौजूदा समय में भारत में 200,000 से अधिक कोरोना के मामले हैं। 1.3 बिलियन से अधिक लोगों का देश है, लेकिन इस आकार के देश के लिए, यह अभी भी मामूली है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह विकास दर, वायरस के दोगुने समय का हिसाब रखे और यह सुनिश्चित करे कि यह संख्या बदतर न हो।
स्वामीनाथन ने कहा कि भारत एक विषम और विशाल देश है, जिसमें बहुत घनी आबादी वाले शहर हैं। कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत कम घनत्व है। विभिन्न राज्यों में स्वास्थ्य प्रणाली बदलती हैं और ये COVID-19 के नियंत्रण के लिए चुनौतियाँ पेश करते हैं। उन्होंने कहा जैसा कि लॉकडाउन और प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोगों द्वारा सभी सावधानियां बरती जाएं।
स्वामीनाथन ने आगे कहा कि हमने बार-बार यह बात कही है कि यदि आप बड़े स्तर पर व्यवहार परिवर्तन चाहते हैं, तो लोगों को कुछ चीजें (मास्क) पहनने के लिए कहने के लिए तर्क को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा भारत में कई शहरी क्षेत्रों में सामाजिक दुरी बनाए रखना असंभव है। लोगों को मास्क पहनना होगा जब वे बाहर निकलते हैं, कार्यालय, शैक्षणिक संस्थानों में रहते हुए और सार्वजनिक परिवहन के समय।