'Shocking' death toll from epidemic: UN chief

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर केंद्र और राज्यों की सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. लेकिन फिर भी संक्रमित मामले लगातार बढ़ाते जा रहे हैं. जिसको देखते हुए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया हैं. जिसके

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नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर केंद्र और राज्यों की सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. लेकिन फिर भी संक्रमित मामले लगातार बढ़ाते जा रहे हैं. जिसको देखते हुए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया हैं. जिसके अनुसार सरकार देश के अंदर खाली पड़े हुए स्कूल, सरकारी भवनों और फ्लैटों को आइसोलेशन सेंटर में बदल कर उनका इस्तमाल करने का फैसला लिया हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश में कोरोना वायरस को रोकने के लिए 21 दिनों का लॉक डाउन लगा दिया हैं. इसी के साथ देश में कोरोना के इलाज से संबंधित सामानों के लिए 15,000 करोड़ रुपए के फण्ड की घोषणा किया हैं. जिससे हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत किया जा सके. 

देश में प्रति व्यक्ति 0.5 बेड
मौजूदा समय में भारत कोरोना के दुसरे स्टेज में हैं. इस दौरान संक्रमित मामलों में बड़ी तेजी से बढ़ते है. जिसके लिए इलाज के लिए अस्पताल और आइसोलेशन सेंटर की जरुरत होती हैं. देश में प्रतिव्यक्ति बेड की संख्या 0.5 हैं. वहीँ इटली में 3.2 और अमेरिका में 2.8 हैं. इन देशों के आकड़ो के अनुसार भारत में बेडो की बड़ी कमी हैं. 

खाली स्कूल, सरकारी भवनों और  फ्लैटों को आइसोलेशन सेंटर में बदलेगें 
सरकार ने कोरोना से संक्रमित मामलों को देखते हुए बेडो की संख्या बढ़ने के लिए देश के अंदर मौजूद खाली स्कूल, सरकारी भवनों और फ्लैटों को आइसोलेशन सेंटर में तब्दील कर उनका इस्तमाल करने का निर्णय लिया हैं. राजधानी दिल्ली में इसका काम शुरू भी होगया हैं, जहां मंडोली जेल को पूरी तरह कोरांटीन में तब्दील किया जारहा हैं. 

प्राइवेट अस्पतालों को कोरांटीन वार्ड बनाने का निर्देश 
देश की 63 प्रतिशत स्वस्थ्य सेवा प्राइवेट अस्पताल चालता हैं. सरकार ने देश के सभी अस्पतालों से उनके यहा मौजूद बेडो, वेंटिलेटर और आईसीयू का अकड़ा ले लिया हैं. इसी के साथ सभी को अपने यहाँ एक वार्ड कोरोना के मरीजों को कोरांटीन करने के बनाने का निर्देश दिया हैं.