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नवभारत डिजिटल डेस्क: पाकिस्तान में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की जहर (Poison) दिए जाने की खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई, उसके साथ ही दाऊद के नाम की चर्चा एक बार फिर से शुरू हो गई। भारत का नमक खाने और फिर उसके ही पीठ में छुरा घोंपने वाले इस आतंकवादी को कोई कैसे भूल सकता है। अंडरवर्ल्ड की दुनिया से अपनी शुरुआत करने वाला दाऊद साल 1993 में 12 मार्च के दिन हुए मुंबई बम धमाकों के बाद आतंकवादी बन गया। जिसके बाद उनसे पाकिस्तान की शरण में खुद को सुरक्षित कर लिया। दाऊद इब्राहिम का नाम भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की लिस्ट में है और उसकी तलाश लगातार सुरक्षा एजेंसियां करती रही हैं। इस वक्त दाऊद पाकिस्तान की पनाह में है। भारत ने लगातार पाकिस्तान को उसके खिलाफ सबूत दिया लेकिन उन्हें तो आतंकवाद से गहरा लगाव है। शायद यही कारण है कि पाकिस्तान अब खुद आतंकवाद से जूझ रहा है।

 

 

 

पुलिसवाले का लड़का कैसे बना डॉन
दाऊद इब्राहिम साल 1955 में महाराष्ट्र के रत्नागिरी में पैदा हुआ। दाऊद का परिवार बेहद सामन्य परिवार था और उसके पिता पेशे से मुंबई पुलिस में हवलदार के पद पर ड्यूटी करते थे। लेकिन दाऊद की मंशा आगे बढ़ने की थी उसने कलम और किताब की जगह अंडरवर्ल्ड की राह चुनी। पहले तो उसका नाम छोटे-मोटे अपराध में आता था, जिसे लेकर उसके पिता शेख इब्राहिम अली कासकर उसकी खूब पिटाई करते थे। लेकिन उसके बावजूद दाऊद न कभी सुधरा और नहीं अच्छा इंसान बन पाया। दाऊद ने शुरुआत करीम लाला गैंग से की और वहां पर सोने की तस्करी, उगाही का काम देखने लगा।
 
Dawood Ibrahim

हाजी मस्तान से हुई दाऊद की अनबन 
लेकिन इसी दरमियान दाऊद की हाजी मस्तान से अनबन हो गई और उसके बाद उसने अपनी गैंग बना ली। कुछ साल के भीतर दाऊद की गैंग काफी बड़ी हो गई और वो करीम लाला और हाजी मस्तान को पीछे छोड़ आगे निकल गया। उसके बाद मुंबई में कई गैंगवार हुए और कई लोग मारे गए। वो दौर मुंबई का सबसे खौफनाक दौर था। इसी बीच दाऊद के जीजा की हत्या कर दी गई जिसके बाद उसने पठान गैंग पर खत्म करने का फैसला लिया और फिर मुंबई की सड़कों पर खुलेआम गैंगवार होने लगा।

 
dawwod ibrahim

ऐसे बना आतंकवादी
12 मार्च 1993 का वो दिन शुक्रवार का था। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि आज मुंबई दहलने वाली है। करीब दोपहर के 1.30 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में काफी चहल-पहल थी। लोग काम में व्यस्त थे तभी 28 मंजिला इमारत का बेसमेंट एक जोरदार धमाका हुआ और इस ब्लास्ट में 50 लोग मारे गए। इस एक ब्लास्ट के बाद लगातार मुंबई के अलग-अलग ठिकानों पर सीरियल बम ब्लास्ट हुए और इस आतंकी हमले में 257 लोग मारे गए थे और 713 लोग जख्मी हुए थे। पूरे मुंबई में 13 जगहों पर सिलसिलेवार धमाकों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।

पुलिस के हाथ नहीं आया दाऊद 
इन धमाकों के बाद खुफ़िया एजेंसिया सक्रिय हो गई और उसके बाद जो जानकारी सामने आई उसने सभी को हैरान कर दिया। इस ब्लास्ट में दाउद इब्राहिम, टाइगर मेमन, याकूब मेमन का नाम आया था। वहीं जांच में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें याकूब मेमन भी था। जिसे अदालत ने फंसी की सजा दी थी और साल 2015 में फांसी पर लटका दिया गया था। लेकिन मुख्य आरोपी टाइगर मेमन और दाऊद को पुलिस अभी तक नहीं पकड़ पाई है। भारत सरकार ने अमेरिका की मदद से साल 2003 में दाऊद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया है। माना जाता है मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले में दाऊद का भी हाथ था। दाऊद और टाइगर दोनों पाकिस्तान में हैं और उन्हें वहां की सरकार ने भारत के खिलाफ साजिश रचने के लिए अपने शरण में पाल के रखा है।

 
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पाकिस्तान में मौजूद भारत के दुश्मनों का खात्मा
पाकिस्तान में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों को नकाबपोश हमलावर लगातार अपना निशाना बना रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान में भारत के दुश्मनों की मौत की लिस्ट बड़ी तेजी से बढ़ती ही जा रही है। इनमे बशीर अहमद पीर, अकरम खान, तारिक रहीम, मोहम्मद मुजम्मिल, हंजला अदनान, खालिद रजा, सैयद नूर शालोबर, सरदार हुसैन, अबु कासिम, शाहिद लतीफ, मुल्ला बाहौर उर्फ होर्मुज, दाऊद मलिक, मोहम्मद सलीम, ख्वाजा शाहिद को मार दिया गया है। वहीं दाऊद को जहर देने की खबर ने एक बार फिर से पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है।