Farmers Protest

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चंडीगढ़: किसानों और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद भी एमएसपी (MSP) को लेकर अब तक सहमति नहीं बन सकी है। इस बीच किसान (Farmers Protest) आज यानी रविवार (10 मार्च) को देश भर में ट्रेनों को रोकेंगे। बताया जा रहा है कि इस रेल रोको अभियान (Farmers Rail Roko) में महिला किसान भी शामिल होंगी। इसके तहत अकेले पंजाब में 52 स्‍थानों पर ट्रेनों को रोका जाएगा। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शनिवार को केंद्र से आग्रह किया कि वह सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी देने की अपनी जिम्मेदारी से न भागे। 

किसानों ने साधा था केंद्र सरकार पर निशाना 

किसान आंदोलन के नेता अमरजीत सिंह मोहरी, मलकीत सिंह और जंग सिंह भतेरडी ने बीते दिन (शनिवार) एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्‍होंने कहा था कि देश के विभिन्न राज्यों से दिल्ली पहुंचे साथी किसानों को दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी। इससे सरकार का असली चेहरा उजागर हो जाता है। सरकार नहीं चाहती है कि किसान दिल्ली आएं और अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन करें। वहीं, किसानों ने हरियाणा सरकार के अंबाला में धारा 144 लगाने और अंबाला प्रशासन द्वारा दिए गए बयानों कि भी आलोचना कि थी। किसानों ने कहा था कि  हरियाणा सरकार देश में लोकतंत्र और संविधान को कोई महत्व नहीं देती है। उन्होंने कहा कि किसान ऐसी सरकारी धमकियों से कभी नहीं डरते हैं और अपने अधिकारों के लिए खड़े हो हर तरह की लड़ाई लड़ेंगे। 

महिला किसान भी होंगी आंदोलन में शामिल 

रेल रोकने को लेकर किसान नेता ने यह भी कहा था कि इस अभियान में नारी शक्ति बराबर की भूमिका निभाएगी और पंजाब के साथ देश भर में रेल रोकी जाएगी। रविवार को किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) रेलों को रोकेंगे। इसके साथ भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां), भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा-धनेर) और क्रांतिकारी किसान यूनियन भी ‘रेल रोको’ आंदोलन में शामिल होंगी।  

‘रेल रोको’ आंदोलन का आह्वान

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में रविवार को ‘रेल रोको’ आंदोलन का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता डल्लेवाल ने एमएसपी पर दालों (अरहर, उड़द और मसूर), मक्का और कपास की गारंटीकृत खरीद संबंधी केंद्र की योजना को खारिज कर दिया।डल्लेवाल ने पत्रकारों से बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि किसानों को स्वामीनाथन आयोग द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार ‘‘सी2 प्लस 50 प्रतिशत” फॉर्मूले के तहत उनके अस्तित्व के लिए सभी फसलों पर एमएसपी दिया जाना चाहिए। उन्होंने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि सभी फसलों पर एमएसपी में भारी परिव्यय शामिल होगा।

पंजाब में कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठेंगे किसान 

डल्लेवाल ने कहा कि सरकार 1.38 लाख करोड़ रुपये का पाम तेल आयात कर रही है, लेकिन वह किसानों को सभी फसलों पर एमएसपी देकर उन पर खर्च नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को अपनी जिम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए। देश के किसानों को बचाने के लिए एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए।” इस बीच, किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने संवाददाताओं से कहा कि प्रदर्शनकारी किसान फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर, गुरदासपुर जिलों सहित पंजाब में कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठेंगे।

13 फरवरी को शुरू हुआ था किसानों का आंदोलन 

संयुक्त किसान मोर्चा ‘‘दिल्ली चलो” आह्वान का हिस्सा नहीं है, लेकिन उसने शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए प्रदर्शनकारी किसानों को अपना समर्थन दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘‘दिल्ली चलो” मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर बढ़ने से रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं। यह मार्च 13 फरवरी को शुरू हुआ था।