कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने अंडमान-निकोबार (Andaman and Nicobar) के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण (Jitendra Narayan) को 28 अक्टूबर तक उनके खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म (Gang Rape) के कथित आरोपों की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत ने टिप्पणी की कि इस मामले में तत्काल जांच करने की जरूरत है।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति प्रसेनजीत बिश्वास की अवकाशकालीन पीठ ने नारायण को उस तिथि तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत भी दे दी है, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय की पोर्ट ब्लेयर स्थित सर्किट पीठ द्वारा 14 नवंबर को दुर्गा पूजा की छुट्टियों की समाप्ति के बाद शुरू होने वाले नियमित कामकाज के दौरान तय किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एक अक्टबूर को पोर्ट ब्लेयर के अबरदीन पुलिस थाने में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 14 अप्रैल से एक मई के बीच नारायण और अन्य लोगों ने उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया। एसआईटी इन आरोपों के आधार पर मामले की जांच कर रही है।
उच्च न्यायालय ने रेखांकित किया कि 21 जुलाई को दिल्ली स्थानांतरित किए गए नारायण ने भी घोषणा की है कि वह जांच में सहयोग देने के इच्छुक हैं। अदालत ने कहा कि इस मामले में तत्काल जांच करने की जरूरत है। (एजेंसी)