Former Jharkhand CM Hemant Soren

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रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren)  को जमीन घोटाला मामले (Land Scam Case) में राहत नहीं मिली है। एक विशेष अदालत ने उन्हें और तीन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। पीएमएलए के विशेष जज राजीव रंजन ने यह सुनवाई की। 

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने अदालत से हेमंत सोरेन की 4 दिन की रिमांड की मांग की थी। हेमंत सोरेन के वकील ने उनको और ईडी रिमांड देने का कोर्ट में विरोध किया। कहा कि हेमंत सोरेन से जितनी पूछताछ होनी थी, 10 दिन में हो चुकी है। 

सोरेन की ओर से पेश महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा, ‘‘वे (ईडी) चार दिन की हिरासत मांग रहे थे… उनके पास आगे की हिरासत के लिए कोई आधार नहीं बचा है। वे (ईडी) सिर्फ समय टालना चाहते हैं… उनके पास कोई नया आधार नहीं है। वे बस चाहते हैं कि मामले को जारी रखा जाए और हिरासत अवधि बढ़ाई जाए।”

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को सात फरवरी को विशेष पीएमएलए अदालत ने पांच दिन के लिए ईडी हिरासत में भेज दिया था। इससे पहले दो फरवरी को भी अदालत ने सोरेन को पांच दिन की हिरासत में ईडी को सौंपा था। सोरेन के वकील राजन ने कहा, ‘‘हमने ईडी के अनुरोध पर आपत्ति जताई, क्योंकि आगे हिरासत की जरूरत नहीं है।”

उन्होंने सात फरवरी को कहा था कि केंद्रीय एजेंसी पहले ही सोरेन से 120 घंटे तक पूछताछ कर चुकी है। पीएमएलए अदालत पहुंचने पर सोरेन ने अपने समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया और ‘हेमंत सोरेन जिंदाबाद’ जैसे नारे लगाए। धनशोधन मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा सात घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 

 27 फरवरी तक स्थगित

इससे पहले, झारखंड उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ उस याचिका पर सुनवाई सोमवार को 27 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी जो गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दायर की है। अदालत 27 फरवरी को फिर से याचिका पर सुनवाई करेगी। अदालत ने संघीय एजेंसी से एक समेकित हलफनामा भी दाखिल करने को कहा।

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी और उच्च न्यायालय ने उनके संशोधित आवेदन को जमा किये जाने की अनुमति दे दी। सोरेन के वकील रंजन ने कहा, ‘‘ईडी को समेकित जवाब देने का निर्देश दिया गया है। अदालत ने अंतिम निस्तारण के लिए 27 फरवरी की तारीख तय की है। हमारे आवेदन के संशोधन की अनुमति दी गई है। यह अच्छा संकेत है। अब हम अदालत के समक्ष सारे तथ्य रख सकते हैं।”