वाराणसी. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) जिले में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य के लिए नियुक्त आयोग इससे जुड़ी रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत से दो-तीन दिन का अतिरिक्त समय मांगेगा। सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सिंह ने कहा, “अदालत के आदेश के अनुसार, 14 से 16 मई के बीच सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य किया गया।
Gyanvapi mosque survey | The survey report is nearly complete and we are trying to submit the report to the court in time: Advocate Vishal Singh, the Court-appointed special assistant commissioner, in Varanasi pic.twitter.com/3V1TfNDmXR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 17, 2022
17 मई को सर्वे से संबंधित रिपोर्ट अदालत में पेश की जानी थी।” हालांकि, उन्होंने आगे कहा, “हम आज (मंगलवार) अदालत में रिपोर्ट नहीं जमा कर रहे हैं, क्योंकि यह तैयार नहीं है। हम अदालत से दो-तीन दिन का अतिरिक्त समय मांगेंगे। अदालत जो भी समय देगी, हम उसमें रिपोर्ट पेश करेंगे।” इससे पहले, हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने सोमवार को दावा किया था कि अदालत द्वारा अनिवार्य वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य के दौरान मस्जिद परिसर में एक शिवलिंग पाया गया है।
एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को हिंदू पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस हिस्से को सील करने का आदेश दिया था, जहां कथित तौर पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। उधर, ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली कमेटी के एक सदस्य ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा था, “मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है। उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है।”
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने आरोप लगाया था कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर द्वारा आदेश जारी करने से पहले मस्जिद प्रबंधन का पक्ष नहीं सुना गया।