Nitish Kumar and Jitan Ram Manjhi

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पटना. बिहार (Bihar) में इन दिनों राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक (Reservation Amendment Bill) में हुए संशोधन पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नितीश कुमार (Nitish Kumar) पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) पर भड़क उठे और उनको खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि मांझी उनकी मूर्खता के कारण मुख्यमंत्री बने।

नीतीश कुमार ने कहा, “यह मेरी गलती थी कि मैंने इस व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दिया था। दो महीने में ही मेरी पार्टी के लोग कहने लगे कि कुछ गड़बड़ है इन्हें हटाओ। फिर मैं (सीएम) बन गया। वे (जीतन राम मांझी) कहते रहते हैं कि वह भी मुख्यमंत्री थे। वह मेरी मूर्खता के कारण मुख्यमंत्री बने।”

मांझी का नितीश कुमार पर पलटवार

इस पर मांझी ने कहा, “मुझे आश्चर्य है कि ये वही नीतीश कुमार हैं जो आज से कुछ दिनों पहले थे। मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उनके दिमाग में कुछ कमजोरियां हैं, जिस वजह से वे ऐसी बात कर रहे हैं। वे (नीतीश कुमार) 1985 में विधायक बनें, मैं 1980 से विधायक हूं। वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।” उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार 2014 में हार गए थे। सब लोग कहने लगे कि नीतीश कुमार इस्तीफा दो। अपनी लाज बचाने के लिए उन्होंने सीधे-साधे आदमी को मुख्यमंत्री बनाने का काम किया। जीतन राम मांझी को उन्होंने कम समझा था।”

SC, ST और OBC की आरक्षण सीमा बढ़कर 65%

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं अति पिछड़ा वर्गों (ईबीसी) एवं अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण (Reservation) की मौजूदा सीमा 50 फीसदी को बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को गुरुवार को मंजूरी दे दी। शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में इन वर्गों के आरक्षण को बढ़ाने के प्रस्ताव वाले विधेयकों को विधानसभा ने ध्वनि मत के जरिए सर्वसम्मति से पारित कर दिया।

विधेयक के अनुसार, एसटी के लिए मौजूदा आरक्षण दोगुना कर किया जाएगा जबकि एससी के लिए इसे 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा। वहीं, ईबीसी के लिए आरक्षण 18 फीसदी से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तो ओबीसी के लिए आरक्षण को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाएगा।

सदन में हुआ हंगामा

इससे पहले विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा महिलाओं के संबंध में की गई कथित विवादास्पद टिप्पणी सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। अधिकारियों ने बताया कि विपक्षी सदस्यों ने आसन के पास आकर हंगामा किया और वे सत्ता पक्ष के सदस्यों के करीब पहुंच गए। हंगामा कर रहे सदस्यों ने इस दौरान कुर्सियां भी उठा लीं। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने आदेश दिया कि सदन में हंगामा कर रहे सदस्यों के नाम नोट किए जाएं। उन्होंने कहा कि “सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश के लिए” उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।