नई दिल्ली: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research) के महानिदेशक बलराम भार्गव (Balram Bhargav) ने मंगलवार को कहा कि, “देश में हुए चौथे सिरों सर्वे पर कुल 70 प्रतिशत जनसंख्या में हार्ड इम्युनिटी पाई गई। इससे महत्वपूर्ण यह है कि, एक तिहाई आबादी में एंटीबॉडी नहीं थी यानी देश की 40 करोड़ आबादी अभी भी असुरक्षित है।”
70 जिलों में हुआ सीरी सर्वे
भार्गव ने कहा, “राष्ट्रीय सीरोसर्वे का चौथा दौर जून-जुलाई में 70 जिलों में आयोजित किया गया था और इसमें 6-17 वर्ष की आयु के बच्चे शामिल थे।” उन्होंने कहा, “संपूर्ण जनसंख्या में समग्र सर्पोप्रवलेंस 67.6% है। 6-9 वर्ष आयु वर्ग के लोगों में, यह 57.2% था; 10-17 वर्षों में, यह 61.6% था; १८-४४ वर्षों में, यह ६६.७% था; 45-60 वर्षों में यह 77.6% था।”
Overall seroprevalence is 67.6% in the entire population. In people of 6-9 years age group, it was 57.2%; in 10-17 years, it was 61.6%; in 18-44 years, it was 66.7%; in 45-60 years, it was 77.6%: ICMR DG Dr Balram Bhargava pic.twitter.com/rUFlW78MNG
— ANI (@ANI) July 20, 2021
दूसरी खुराक के बाद लोगों 89.8 प्रतिशत एंटीबॉडी
पुरुष और महिला और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सरोप्रवलेंस में कोई अंतर नहीं था। गैर-टीकाकरण में, सेरोप्रवलेंस 62.3% था और टीके की एक खुराक के साथ, यह 81% था। दोनों खुराक लेने वालों में यह 89.8% थी।”
अभी भी कोरोना का खतरा
आईसीएमआर प्रमुख ने कहा, “हमने 7252 स्वास्थ्य कर्मियों का अध्ययन किया और 10% ने टीका नहीं लिया था, उनमें समग्र सर्पोप्रवलेंस 85.2% था। निष्कर्ष के तौर पर, सामान्य आबादी के 2/3 यानी 6 साल से अधिक उम्र के लोगों को SARS-CoV-2 संक्रमण था।” उन्होंने कहा, “इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है किक तिहाई आबादी में एंटीबॉडी नहीं थी यानी देश की 40 करोड़ आबादी अभी भी असुरक्षित है।”
More importantly, a third of the population did not have antibodies i.e 40 crore of the population of the country is still vulnerable: ICMR DG Dr Balram Bhargava on Fourth National Serosurvey for Covid-19 pic.twitter.com/HrmO3z13nw
— ANI (@ANI) July 20, 2021
कोरोना को रोकने नियमों का पालन जरुरी
आईसीएमआर डीजी ने कहा, “चौथे सेरोसर्वे के निहितार्थ स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि आशा की एक किरण है लेकिन शालीनता के लिए कोई जगह नहीं है। हमें COVID उपयुक्त व्यवहार और सामुदायिक जुड़ाव बनाए रखना चाहिए। राष्ट्रीय स्तर का सीरोसर्वे राज्य/जिला स्तर के सीरोसर्वे का विकल्प नहीं।”