IPS विवेक सहाय बने बंगाल के नए DGP, चुनाव आयोग ने राजीव कुमार को हटाया

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कोलकाता: केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) ने सोमवार (18 मार्च) को पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कुमार को हटाने के बाद IPS अधिकारी विवेक सहाय (Vivek Sahay) को पश्चिम बंगाल का अगला DGP नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति आयोग द्वारा राजीव कुमार को डीजीपी पद से हटाने के कुछ घंटों के भीतर की गई। इससे पहले चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करने को लेकर बंगाल के डीजीपी को राजीव कुमार हटा दिया था। इसके साथ ही आयोग ने गुजरात, उत्तर प्रदेश, मिजोरम, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को हटा दिया गया है।

वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सहाय महानिदेशक एवं कमांडेंट जनरल (होमगार्ड) के पद पर तैनात थे।  कुमार को पिछले साल दिसंबर में राज्य का पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था।  सूत्रों ने कहा कि कुमार को अंतरिम व्यवस्था के रूप में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के डीजीपी को स्थानांतरित करने का निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि अधिकारी को पहले भी राज्य में 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव प्रबंधन संबंधी ड्यूटी से हटा दिया गया था। 

सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के डीजीपी को स्थानांतरित करने का निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि अधिकारी को पहले भी राज्य में 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव प्रबंधन संबंधी ड्यूटी से हटा दिया गया था। आयोग ने बंगाल के मुख्य सचिव को राजीव कुमार को ‘‘गैर-चुनाव” संबंधित कार्य पर तैनात करने के लिए कहा है। आयोग ने साथ ही अंतरिम व्यवस्था के रूप में कुमार से वरीयता के क्रम में ठीक नीचे वाले एक अधिकारी को डीजीपी के रूप में तैनात करने का निर्देश दिया है। राज्य को तीन ऐसे अधिकारियों के नाम भेजने के लिए कहा गया है, जिन्हें डीजीपी के रूप में तैनात किया जाएगा।

इससे पहले, चुनाव आयोग ने आज सुबह ही पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को हटाने का भी आदेश दिया। साथ ही मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के सामान्य प्रशासनिक विभागों के सचिवों को हटा दिया गया है। लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के कुछ दिनों बाद आयोग ने बृह्नमुंबई महानगर पालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल, अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों को हटाने का भी आदेश दिया। आयोग ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े उन अधिकारियों का तबादला करें, जिन्होंने (पद पर) तीन साल पूरा कर लिया है या अपने गृह जिलों में तैनात हैं।