Lashkar-e-Taiba terrorists brainwash prisoners in jail case Bengaluru, Karnataka
NIA टीम फोटो प्रतीकात्म्क तौर लिया गया हैह।

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बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) में जेल में बंद कैदियों को कट्टरपंथी बनाने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को सुबह-सुबह सात राज्यों में एक साथ रेड मारी है। NIA के प्रवक्ता ने बताया कि जांच अधिकारी सात राज्यों में 17 स्थानों पर तलाशी ले रहे हैं। बेंगलुरु विस्फोट की जांच के संबंध में भी ये रेड अहम है। एजेंसियां बम रखने वाले की पहचान करने के लिए पहले से भंडाफोड़ किए गए मॉड्यूल की जांच सहित सभी एंगल पर गौर कर रही हैं।

NIA की अब तक की जांच से पता चला है कि बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी टी नजीर हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कैदियों को कट्टरपंथी बना रहा था। यह मामला मूल रूप से अक्टूबर में बेंगलुरु सिटी पुलिस द्वारा सात पिस्तौल, चार हथगोले, एक मैगजीन, 45 लाइव राउंड और चार वॉकी-टॉकी की जब्ती के बाद दर्ज किया गया था।

क्या हुआ था बरामद

NIA की टीमों ने पहले मोहम्मद उमर, तनवीर अहमद, मोहम्मद फैसल रब्बानी और मोहम्मद फारूक के साथ-साथ भगोड़े जुनैद के ठिकानों पर की गई छापेमारी में कई डिजिटल डिवाइस, आपत्तिजनक दस्तावेज और 7.3 लाख रुपये नकद जब्त किए थे। एजेंसी के एक प्रवक्ता ने पहले खुलासा किया था कि उमर, रब्बानी, अहमद, फारूक और जुनैद सेंट्रल जेल, परप्पाना अग्रहारा, बेंगलुरु में कैद के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य और उम्रकैद की सजा काट रहे टी नजीर के संपर्क में आए थे।

तंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की रची थी साजिश 

प्रवक्ता ने बताया कि सेंट्रल जेल से रिहाई के बाद पांचों आदतन अपराधियों ने अहमद के नेतृत्व और नजीर के निर्देश पर आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रची थी। जुनैद जो 2021 में लाल चंदन की लकड़ी की तस्करी से संबंधित एक मामले में आरोपी होने के बाद से फरार था, एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफार्मों के माध्यम से अन्य आरोपियों के साथ नियमित संपर्क में था, उसने हथियार इकट्ठा करने के लिए दूसरों को धन भी मुहैया कराया और गोला बारूद को अपनी सुरक्षित अभिरक्षा में रख लिया था।