भोपाल. कोविड-19 महामारी के बीच मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव (MadhyaPradesh By Election) के लिए बुधवार सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हो गई। मध्य प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम राज्य की भाजपा नीत शिवराज सिंह चौहान सरकार का भविष्य तय करेंगे।
Madhya Pradesh: Counting of votes for by-polls in 28 assembly seats is underway; visuals from a counting centre in Gwalior pic.twitter.com/7rrHhdIksE
— ANI (@ANI) November 10, 2020
कैसी होगी मतगणना:
प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरूण तोमर ने बताया, ‘‘19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए संबंधित जिला मुख्यालयों में मतगणना प्रात: 8 बजे से शुरू हुई।” उन्होंने कहा कि मतगणना में सबसे अधिक राउण्ड ग्वालियर जिले के विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर पूर्व में 32 राउण्ड और सबसे कम अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में 18 राउण्ड होंगे।
क्या रहा मतदान प्रतिशत:
कोरोना वायरस की महामारी के बावजूद इस अहम उपचुनाव में तीन नवंबर को हुए मतदान में 70.27 फीसदी मतदान हुआ था। उपचुनाव की 28 सीटों में से अधिकतर सीटें ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में हैं। उन्होंने बताया कि इस उपचुनाव में प्रदेश के 12 मंत्री सहित 355 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला आज शाम तक होगा। तोमर ने कहा कि मतगणना चुनाव आयोग के निर्देशों एवं कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था के साथ की जा रही है।
मध्य प्रदेश: पहली बार इतनी सीटों पर उपचुनाव: क्या है चुनावी समीकरण-
मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार इतनी सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। राज्य में इस वर्ष मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों ने त्यागपत्र दे दिया था जिससे अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार गिर गई थी। इनमें अधिकतर विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए। सिंधिया स्वयं भी मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे। इसके बाद कांग्रेस के चार अन्य विधायकों ने भी इस्तीफा दिया और वे भी भाजपा में शामिल हो गए।
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के 107, कांग्रेस के 87, बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। उपचुनाव की घोषणा होने के बाद दमोह से कांग्रेस के विधायक राहुल लोधी भी त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गये। सदन की प्रभावी संख्या 229 के आधार पर बहुमत का जादुई आंकड़ा 115 का होता है। भाजपा को इस आंकड़े को पाने के लिये आठ सीट की जरूरत है जबकि कांग्रेस को सभी 28 सीटें जीतना जरूरी है।