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    नयी दिल्ली. आज की एक बड़ी खबर के अनुसार अब केंद्र की मोदी सरकार (Narendra Modi Goverment) ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (Rajeev Gandhi Khel Ratna Puraskar) का नाम बदल कर इस अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (Major Dhyanchand Khel Ratna Puraskar कर दिया है। जी हाँ अब इसे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार  के नाम से जाना जाएगा। दरअसल इससे पहले यह अवॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम हुआ करता था। 

    आज इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी।उन्होंने कहा कि, “मुझे पूरे भारत के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा।”

    पता हो कि हॉकी के ‘जादूगर’ कहलाए जाने वाले मेजर ध्यानचंद का हॉकी में हमेशा से ही अविश्वसनीय योगदान रहा है। बता दें कि उन्होंने अपने आखिरी ओलंपिक (बर्लिन 1936) में कुल 13 गोल दागे थे। इस तरह एम्स्टर्डम, लॉस एंजेलिस और बर्लिन ओलंपिक को मिलाकर ध्यानचंद ने कुल 39 गोल किए थे, जिससे उनके बेहतरीन खेल का और उसपर उनकी विस्पोटक पकड़ का पता चलता है।

    यही नहीं उनके जन्मदिन (29 अगस्त) को भारत के राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। आपको यह भी बता दें कि इसी दिन हर साल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न के अलावा अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार दिए जाते हैं। इस अवॉर्ड की शुरुआत 1991-92 में की गई थी। वास्तव में खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर इस अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करना एक नेशनल हीरो को सच्ची श्रधान्जली है।