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    नई दिल्ली: भूकंप प्रभावित तुर्की का हाल देख कर पूरी दुनिया का दिल दहला गया है, इस प्राकृतिक आपदा में हजारों लोगों की जान चली गई। इस नाजुक घड़ी में  तुर्की को भारत ने भी साथ दिया है। जी हां अब हमारे राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 47 सदस्यीय टीम डॉग स्क्वायड के सदस्यों रेम्बो और हनी के साथ भूकंप-प्रभावित-तुर्की से 10 दिन तक चलने वाले बचाव अभियान के बाद शुक्रवार को भारत लौट आई है। 

    तुर्की को भारत की मदद 

    दरअसल भारत ने शक्तिशाली भूकंप से प्रभावित तुर्की को मानवीय सहायता प्रदान की है, जिसके चलते उन्होंने कई लोगों की जान बचाई है।  एनडीआरएफ के 50 से अधिक कर्मियों के साथ एक भारतीय वायुसेना सी17 उड़ान और एक विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड के साथ आवश्यक उपकरण, जिसमें चिकित्सा आपूर्ति, ड्रिलिंग मशीन और सहायता प्रयासों के लिए आवश्यक अन्य उपकरण शामिल हैं, तुर्की के लिए रवाना हुए थे। 

    भारत लौटी NDRF टीम 

    जानकारी के लिए आपको बता दें कि विशेष रूप से प्रशिक्षित लैब्राडोर नस्ल के डॉग स्क्वॉड, जो आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के दौरान सूंघने और अन्य महत्वपूर्ण कौशल में विशेषज्ञ हैं, मंगलवार को एनडीआरएफ की दो अलग-अलग टीमों के साथ भारत से तुर्की के लिए रवाना हुए थे। 51 सदस्यीय टीम जो वहां पहुंची थी वे अब भारत लौट आये है। 

     

    ऐसे की आपदा में तुर्की की मदद 

    बता दें कि भारत ने तुर्की में 7.8 तीव्रता के भूकंप के तुरंत बाद ‘ऑपरेशन दोस्त’ की घोषणा की थी और ‘दोस्त’ देश को राहत और मानवीय सहायता सहित खोज और बचाव कार्यों के लिए 60 पैरा फील्ड अस्पताल और एनडीआरएफ स्थापित करने के लिए भारतीय सेना से एक टीम भेजी थी। जबकि भारत की राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने छह साल की बच्ची को चमत्कारिक रूप से बचाया और सुर्खियां बटोरीं, इस साहसिक बचाव का बहुत सारा श्रेय एनडीआरएफ के डॉग स्क्वायड के हिस्से ‘रोमियो’ और ‘जूली’ को दिया जाना चाहिए। 

     

    मरने वालों की संख्या 41,000

    रोमियो और जूली सफल हुए जहां मशीनें विफल रहीं। टनों मलबे के नीचे छोटी बच्ची के ठिकाने का पता लगाने में डॉग स्क्वायड ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी मदद के बिना बच्ची की जान नहीं बच सकती थी। ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत तुर्की में भारत के चल रहे बचाव अभियान का हिस्सा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के अधिकारी रविंदर ने कहा कि भारत जरूरत में एक दोस्त की तरह तुर्की के साथ खड़ा है। रविंदर ने कहा, “एनडीआरएफ बचाव अभियान में भाग ले रहा है और मलबे में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रहा है। पुलिस और सेना इसके लिए मिलकर काम कर रही है।” तुर्की और उत्तर पश्चिमी सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 41,000 के पार चली गई है।