Amit shah
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    श्रीनगर/नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। इस दौरान गृहमंत्री ने बुधवार को पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार किया। उन्होंने कहा, मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करेगी और इसे देश का सबसे शांतिपूर्ण स्थान बनाएगी। शाह ने बारामूला में एक रैली को संबोधित करते हुए सवाल किया कि, क्या आतंकवाद ने कभी किसी को फायदा पहुंचाया है? उन्होंने कहा, 1990 के बाद से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद ने 42,000 लोगों की जान ली है।

    उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि, चुनाव आयोग द्वारा संशोधित मतदाता सूची के प्रकाशन की कवायद पूरी होने के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ कराए जाएंगे। 

    जम्मू कश्मीर में कथित रूप से विकास नहीं होने के लिए अमित शाह ने फारुख अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), मेहबूबा मुफ्ती (पीडीपी) और नेहरू-गांधी (कांग्रेस) परिवारों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, उनका शासनकाल कुशासन और भ्रष्टाचार से भरा हुआ था और उन्होंने विकास नहीं किया। बता दें कि,1947 में देश की आजादी के बाद से इन तीनों दलों ने ही ज्यादातर समय तत्कालीन राज्य में शासन किया। उन्होंने आगे कहा कि, कुछ लोग कहते हैं कि हमें पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। हमें पाकिस्तान से बात क्यों करनी चाहिए? हम कोई बातचीत नहीं करेंगे। हम बारामूला के लोगों से बात करेंगे, हम कश्मीर के लोगों से बात करेंगे।

    देश की सबसे शांतिपूर्ण जगह

    गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, मोदी सरकार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करती है और वह इसका अंत और सफाया करना चाहती है ताकि यह भारत का स्वर्ग बना रहे। उन्होंने कहा, हम जम्मू कश्मीर को देश की सबसे शांतिपूर्ण जगह बनाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, कुछ लोग अक्सर पाकिस्तान के बारे में बात करते हैं लेकिन वह जानना चाहते हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कितने गांवों में बिजली कनेक्शन हैं।उन्होंने कहा, हमने पिछले तीन सालों में सुनिश्चित किया है कि कश्मीर के सभी गांवों में बिजली कनेक्शन हों।