नई दिल्ली नैशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजन (NRC) पर देशभर में विपक्षी दलों द्वारा हो रहे घमासान के बीच आज केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अभी
नई दिल्ली नैशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजन (NRC) पर देशभर में विपक्षी दलों द्वारा हो रहे घमासान के बीच आज केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अभी तक NRC पर कोई फैसला नहीं लिया है। विदित हो कि नैशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजन (NRC) पर इसके पहले भी दिल्ली में विपक्षी दलों ने CAA और NRC के विरोध में बैठकें की गयी थी। लेकिन इन बैठकों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बसपा चीफ मायावाती जैसे नेता शामिल नहीं हुए थे।
MoS Home Nityanand Rai in a written reply to a question in Lok Sabha: Till now, the government has not taken any decision to prepare National Register of Indian Citizens (NRIC) at the national level. pic.twitter.com/e3OarkJv9x
— ANI (@ANI) February 4, 2020
आज लोकसभा के प्रश्नकाल के दौरान एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि अभी तक सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर NRC बनाने का कोई भी नया निर्णय नहीं लिया है।इस पर विचार करते हुए निर्णय बाद में लिया जायेगा। आपको बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को ही बजट सत्र की शुरुआत पर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए भी NRC को लेकर कोई जिक्र अपने भाषण में नहीं किया था। हालाँकि नयी लोकसभा के गठन के बाद 20 जून 2019 को राष्ट्रपति कोविंद ने अपने सम्बोधन में कहा था कि "मेरी सरकार ने ‘NRC’ को घुसपैठ से प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर लागू करने का फैसला किया है। घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा पर सुरक्षा और पुख्ता की जाएगी"।
आपको बता दें कि अभी भी पुरे भारतवर्ष ने NRC और CAA के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। जहाँ दिसंबर 2019 में CAA को लेकर कानून बनाया गया था, जिसको लेकर सम्पूर्ण भारत खासकर असम में व्यापक जनविरोध का सामना करना पड़ा था। इसी कारण स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 दिसंबर 2019 को अपना वक्तव्य देते हुए कहा था कि "मैं 130 करोड़ देशवासियों को बताना चाहता हूं कि 2014 में पहली बार मेरी सरकार के सत्ता में आने के बाद से NRC पर कभी चर्चा ही नहीं हुई। यह उच्चतम न्यायालय के आदेश की वजह से सिर्फ असम में किया गया"। उन्होंने यह भी कहा था कि "नागरिकता कानून या NRC का भारतीय मुसलमानों से कोई भी लेना-देना नहीं है। उन्हें इस विषय पर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। उनकी राष्ट्रीयता पर कोई भी सवाल नहीं उठा रहा है।"
आज लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा नैशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजन (NRC) पर दिये गये उत्तर से यह यह साफ़ हो चुका है कि इसको लेकर बैकफुट पर चल रही बीजेपी सरकार फिलहाल इसे लागू न कर फिर से असम और देश के जनमानस के मन में अपना ठौर बनाने को देख रही है। वैसे भी नैशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजन (NRC) से बीजेपी शासित केंद्र सरकार की कहीं न कहीं किरकिरी तो अवश्य हो रही थी