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Pic: ANI

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    नई दिल्ली. आज यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वर्चुअली रूप से  दुनिया के सबसे लंबे जलमार्ग पर चलने वाली ‘एमवी गंगा विलास’ क्रूज (Ganga Vilas Cruise) यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बता दें कि, उत्तरप्रदेश के काशी से असम के बोगीबील तक यह क्रूज 3200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। इसके साथ ही आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुवाहाटी में पांडु टर्मिनल में एक जहाज मरम्मत सुविधा और एक एलिवेटेड रोड का लोकार्पण किया और साथ ही वाराणसी में टेंट सिटी का भी उद्घाटन किया।

    इस ख़ास मौके पर उन्होंने कहा कि, आज काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे लंबी नदी जल यात्रा गंगा विलास क्रूज का शुभारंभ हुआ है। इससे पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थल विश्व पर्यटन मानचित्र में और प्रमुखता से आने वाले हैं। 

    इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, काशी में गंगा पार बनी अद्भूत टेंट सिटी से वहां आने वाले और रहने का एक और बड़ा कारण देश-दुनिया के पर्यटकों-श्रद्धालुओं को मिला है। यह क्रूज यात्रा अनेक नए अनुभव लाएगी। ये गंगा विलास क्रूज उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम की यात्रा के दौरान हर तरह की सुविधा मुहैया कराएगा। ये क्रूज यात्रा एक साथ अनेक नए अनुभव लेकर आने वाली है।

    आज एक इस ख़ास अवसर पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि, आज का दिन दुनिया की रिवर क्रूज के इतिहास में लिखा जाएगा क्योंकि ये दुनिया का सबसे लंबा सफर होने जा रहा है। इसके साथ ही ये उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, प।बंगाल, बांग्लादेश से होकर डिब्रूगढ़ तक जाएगा। इस सफर के जरिए सिर्फ पर्यटन का ही रास्ता नहीं बल्कि व्यापार का भी रास्ता खुलेगा।

    वहीं असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं क्योंकि जिस रिवर क्रूज की आज शुरुआत हो रही है ये काशी से असम को भी जोड़ रहा है। इस क्रूज में जो यात्री आएंगे उन्हें मां कामाख्या का दर्शन करने को मिलेगा और काजीरंगा आदि को देखने को मिलेगा।

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, पिछले तीन दिनों में रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास के पर्यटकों ने वाराणसी और आसपास के स्थानों का दौरा कर संस्कृति का अनुभव किया। प्रधानमंत्री आज राज्य में 5 नए घाटों का उद्घाटन करेंगे। काशी आज एक नई पहचान के साथ आगे बढ़ रही है।

    जानकारी दें कि, इस पहले सफर में स्विट्जरलैंड के 32 मुसाफिर हैं जो 51 दिनों का सफर करके काशी से डिब्रूगढ़ तक पहुंचेंगे। इस इंटरनेश्ल क्रूज के रूट में भारत के साथ-साथ बांग्लादेश के भी कई शहर पड़ेंगे। आज 3200 किलोमीटर की अपनी पहली यात्रा पर रवाना हो रहा ये क्रूज 62 मीटर लंबा है और 51 दिन के टूर के लिए साढ़े12 लाख रुपये का खर्चा आएगा।

    इसके साथ ही ‘गंगा विलास’, भारत की दो सबसे बड़ी नदियों, गंगा और ब्रह्मपुत्र पर 4,000 किमी की दूरी तय करते हुए पवित्र वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक बांग्लादेश के रास्ते रवाना होगा। इसकी यात्रा करीब 50 दिनों की होगी। यह जलायन राष्ट्रीय उड़ान  एवं अभ्यारण्य से भी गुजरेगा, जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क भी शामिल हैं।