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नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने संसद में राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर, किरेन रिजियू और प्रह्लाद जोशी सहित अपने शीर्ष मंत्रियों के साथ बैठक की। वहीं दूसरी ओर राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के संसद कक्ष में बैठक चल रही है। इस बीच समान विचारदारा वाले विपक्षी दलों के नेता शामिल हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये उनकी सदन को नहीं चलने देने की साजिश है और हमारी जो JPC की मांग है उसको नजरअंदाज करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। वे बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे को एक तरफ रखकर लोगों को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का लोकतांत्रिक भाषण दिखा रहे हैं।

राहुल गांधी के माफी मांगने के सवाल पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब-जब PM खुद बाहर गए हैं तो उन्होंने देश के खिलाफ बात की और जनता का अपमान किया। तो माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं।  

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने  कहा कि ये सरकार सदन को ठप कराना चाहती है और इल्जाम हम पर थोपने की कोशिश करते हैं। ये चालाकी की सरकार बनती जा रही है। चुनाव के मद्देनजर ये राहुल गांधी की छवि को धूमिल करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मोदी सरकार की हिम्मत है तो सदन में राहुल गांधी के बयान पर चर्चा करने की इजाजत हो… हम साबित कर देंगे कि असली देश विरोधी कौन है? 

वहीं रंजीत रंजन, कांग्रेस सांसद ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत व्यापार नोटिस का निलंबन दिया और “अडानी समूह के खिलाफ कॉर्पोरेट धोखाधड़ी, राजनीतिक भ्रष्टाचार, शेयर बाजार में हेरफेर और वित्तीय कुप्रबंधन के गंभीर आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित करने में सरकार की विफलता” पर चर्चा की मांग की। 

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी  ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। जिस मुद्दे पर वित्त मंत्री ने बात की है उन्हीं मुद्दों को लेकर कुछ विषय उठाने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी ने सदन का जो घोर अपमान किया है उसके लिए माफी मांगनी चाहिए। 

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि जब देश की हित की बात होती है तो कोई चुप नहीं बैठ सकता। राहुल गांधी या कांग्रेस नेता अपने हिसाब से जो बोलते हैं वो उनकी मर्जी है लेकिन देश को गाली देने और बदनाम करने का किसी को अधिकार नहीं है। राहुल गांधी जो बोलते हैं उससे कांग्रेस को ही नुकसान होता है। राहुल गांधी को अपने लंदन सेमिनार में कही गई बातों के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने हमारे लोकतंत्र, न्यायपालिका और देश का अपमान किया है। हमें अपने देश के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।