नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीस (PM Anthony Albanese) ने दिल्ली में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में शामिल हुए। इस दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों क्वाड के सदस्य हैं। मैं मई में क्वाड लीडर्स समिट के लिए मुझे ऑस्ट्रेलिया आमंत्रित करने के लिए पीएम अल्बनीज को धन्यवाद देता हूं। मैंने उन्हें सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आमंत्रित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि मैं भारत में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज का स्वागत करता हूं। पिछले साल दोनों देशों ने प्रधानमंत्रियों के स्तर पर वार्षिक समिट करने का निर्णय लिया था प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की इस यात्रा से इस श्रृंखला शुभारंभ हो रहा है।
भारत में उनका आगमन होली के दिन हुआ उसके बाद हमने मिलकर खेल के मैदान में कुछ समय बिताया। रंग, संस्कृति और क्रिकेट का कार्यक्रम भारत और ऑस्ट्रेलिया की मित्रता के जोश का उत्तम प्रतीक है।
I have seen reports of attacks on temples in Australia. I have conveyed this to PM Albanese and he has assured me that the safety and well-being of the Indian community in Australia is a priority for them: PM Modi pic.twitter.com/NqsxUA8f47
— ANI (@ANI) March 10, 2023
पिछले कुछ हफ्तों से ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले की खबरें नियमित रूप से आ रही हैं। ऐसे खबर भारत में सभी लोगों को चिंतित करते हैं। मैंने ये पीएम अल्बनीज के सामने रखा और उन्होंने मुझे किया है कि भारतीय समुदाय की सुरक्षा उनके लिए प्राथमिकता है।
Security cooperation is an important pillar in Comprehensive Strategic Partnership between India and Australia. We discussed maritime security in the Indo-Pacific region today: PM Modi pic.twitter.com/UldQcQZOpI
— ANI (@ANI) March 10, 2023
हमारी सुरक्षा एजेसियों के बीच भी नियमित और उपयोगी सुचना का आदान प्रदान और हमने इसे और सुदृढ़ करने पर चर्चा की है।आज हमने विश्वस्त और मजबूत वैश्विक सप्लाई चेन को विकसित करने के लिए भी आपसी सहयोग पर विचार विमर्श किया। हम क्लीन हाइड्रोजन और सोलर में भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे यह भी कहा कि आज हमने आपसी सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। रक्षा के क्षेत्र में हमने पिछले कुछ सालों में उल्लेखनीय समझौते किए हैं जिसमें एक दूसरे की सेनाओं के लिए लॉजिस्टिक्स सपोर्ट भी शामिल है।