जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में प्रस्तावित फेरबदल पर संतोष जताते हुए कहा कि यह बदलाव बहुत बड़ा संकेत है जिसका फायदा आगे चलकर कांग्रेस को होगा और राज्य में 2023 में पार्टी फिर सरकार बनाएगी। पायलट ने मंत्रिमंडल में प्रस्तावित फेरबदल के बारे में यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोशिश यही की गई है कि इसमें किसी को छोड़ा नहीं जाए और हर तबके, हर समाज, हर क्षेत्रीय एवं भौगोलिक दृष्टिकोण को देखते हुए इसका गठन किया गया है। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं का प्रतिनिधित्व पहले से कई गुणा बढ़ा है। यह अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है, जिसका हम सभी को स्वागत करना चाहिए।”
New ministers will be sworn in today. The step taken by the party & leadership after discussions is sending a positive message across the state. We had raised this issue time & again. I’m happy that party, high command & state Govt took a cognisance of it: Sachin Pilot, Congress pic.twitter.com/jPpD36VdrD
— ANI (@ANI) November 21, 2021
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित फेरबदल रविवार को होगा, जिसके तहत 15 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह रविवार शाम चार बजे होगा, जिसमें 11 विधायकों को कैबिनेट और चार को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। पायलट ने कहा, ‘‘जो कुछ कमियां थी, उन्हें दूर किया गया है और जिस दिशा में हम चल रहे थे, इसके जरिए उसे गति देने का काम किया गया है।” उन्होंने नए मंत्रिमंडल में चार दलित विधायकों को शामिल किए जाने पर खुशी जताते हुए कहा, ‘‘यह अपने आप में बहुत बड़ा संकेत है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, प्रदेश की सरकार और हमारी पार्टी चाहती है कि जो दलित हैं, उपेक्षित हैं, गरीब हैं, पिछड़े हैं, उनका प्रतिनिधित्व हर जगह होना चाहिए। हमारे सरकार में काफी समय से दलितों का प्रतिनिधित्व नहीं था, लेकिन अब उसकी भरपाई की गई है और अच्छी खासी संख्या में लोगों को कैबिनेट रैंक देकर मंत्रिमंडल में शामिल किया है।”
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह आदिवासियों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया गया है। मैं समझता हूं कि यह एक बहुत जरूरी कदम था।” पायलट ने कहा, ‘‘जो तबका हमेशा कांग्रेस के साथ खड़ा रहा है, उसे उचित अनुपात में प्रतिनिधित्व देने का काम किया गया है।” उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रभारी अजय माकन, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस फेरबदल के लिए सब नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की राय ली गई। पार्टी की राजस्थान इकाई में गुटबाजी को नकारते हुए पायलट ने कहा, ‘‘पूरी कांग्रेस पार्टी सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी एवं राहुल गांधी के नेतृत्व में काम कर रही है।”
पायलट ने कहा कि इस फेरबदल के तहत क्षेत्रीय एवं सामाजिक संतुलन बनाकर नए स्वरूप में सरकार का ढांचा तैयार किया गया है, जिससे कांग्रेस को फायदा मिलेगा और राजस्थान से प्रेरणा लेकर अन्य राज्यों में भी इस तरह के बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि हम लोगों ने जो मुद्दे उठाए थे, उसका संज्ञान लेकर कदम उठाए जा रहे हैं। यह इसका पहला परिणाम है और मुझे लगता है कि आगे चलकर पार्टी और भी सकारातम्क कदम उठाएगी। सबका लक्ष्य यही है कि 2023 में हमारी सरकार फिर बने।”
उल्लेखनीय है कि पायलट एवं उनके समर्थक 18 विधायकों ने पिछले साल मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती रुख अपनाया था। तब पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप से मामला सुलझा लिया गया और तभी से पायलट एवं उनके समर्थक मंत्रिमंडल में फेरबदल एवं राजनीतिक नियुक्तियां किए जाने की मांग उठा रहे थे। अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही गहलोत सरकार में यह पहला मंत्रिमंडल फेरबदल होगा।