नई दिल्ली: संसद की कार्रवाई के दौरान विपक्ष (Opposition) का सरकार पर लगातार हमला (Attack) जारी है। अशोभनीय आचरण के कारण निलंबित 12 सदस्यों का निलंबन (MPs Suspension) वापस लिए जाने और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) के इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही में लगातार बाधा आ रही है। इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि, हम सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगे।
एएनआई के अनुसार, राउत ने कहा, ‘हम राज्यसभा में 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने और गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के इस्तीफे की मांग करेंगे। हम संसद के दोनों सदनों को चलने नहीं देंगे।
We will not attend the meeting called by the Government. We will demand the resignation of MoS Home Ajay Kumar Misra and revocation of suspension of 12 Opposition MPs in Rajya Sabha. We will not let both Houses of Parliament function: Shiv Sena MP Sanjay Raut pic.twitter.com/HHxnG38TIG
— ANI (@ANI) December 20, 2021
बता दें कि, विपक्षी सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर सोमवार को भी राज्यसभा में गतिरोध नहीं थमा और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने कहा कि नियम 267 के तहत उन्हें कुल पांच नोटिस मिले हैं लेकिन उन्होंने इन्हें अस्वीकार कर दिया है।
उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि वे पहले सदन चलने दें। इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल आरंभ करने के लिए जनता दल (यू) के रामनाथ ठाकुर का नाम पुकारा, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी अपने स्थान पर खड़े थे और वह कुछ बोलना चाह रहे थे। नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे सदन में शांति बहाल करें और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने दें। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी प्राथमिकता है कि सदन में अनुशासन और मर्यादा का पालन हो, चर्चा हो।” नायडू ने कहा कि शुक्रवार को उन्होंने सरकार और विपक्ष से आग्रह किया था कि वे सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर आपस में बात करें और गतिरोध समाप्त करें ताकि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके।
ज्ञात हो कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को, मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण” करने के कारण, इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था। इनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं। विपक्ष इन सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहा है जबकि सरकार का कहना है कि जब तक ये सदस्य माफी नहीं मांगेंगे तब तक उनका निलंबन रद्द नहीं किया जाएगा। इसी वजह से सदन में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है और कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है। शुक्रवार को नायडू ने सरकार और विपक्षी दलों से आग्रह किया था कि वह आपस में चर्चा कर गतिरोध दूर करें।