रांची: झारखंड के पूर्व सीएम और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है। रांची के कोर्ट ने हेमंत सोरेन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कल से बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी थी। जेएमएम नेता शुक्रवार से शुरू हो रहे झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल नहीं हो पाएंगे।
सोरेन को 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था। सोरेन ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत से बजट सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। सोरेन को 13 दिन की ईडी हिरासत समाप्त होने के बाद 15 फरवरी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारगार भेज दिया गया था। अदालत ने इससे पहले पांच फरवरी को सोरेन को विधानसभा में चंपई सोरेन सरकार द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी थी।
Ranchi PMLA Court rejects the plea of former Jharkhand CM and JMM leader Hemant Soren seeking permission to attend the budget session from tomorrow.
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— ANI (@ANI) February 22, 2024
वहीं, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)-कांग्रेस- राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन ने शुक्रवार से शुरू होने वाले झारखंड विधानसभा के आगामी बजट सत्र को लेकर रणनीति बनाने के लिए एक बैठक बुलाई। यहां गुरुवार को हुई बैठक में सत्ता पक्ष के नेताओं ने सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए जाने सभी सवालों के डटकर जवाब देने के लिए तत्परता व्यक्त की। विपक्ष ने कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कराने की अपनी योजना की रूपरेखा तैयार कर ली है, जिसमें झारखंड सिविल सेवा आयोग (जेएसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा का पर्चा लीक होने और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप के मुद्दे शामिल हैं।
बैठक के बाद, कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा टिर्की ने बजट सत्र के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले यह आखिरी सत्र होगा और इसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने के लिए सरकार की तैयारी की पुष्टि की और आशा व्यक्त की कि बजट सत्र सार्थक होगा। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने राज्य के लोगों से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता से उठाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों में जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा का पर्चा लीक होने और पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच कराना शामिल हैं।