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File Photo: Twitter

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    नई दिल्ली: रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) इस महीने भारत (Bharat) आएंगे। पुतिन 6 दिसंबर को भारत में होने वाले 21वे इंडिया-रशिया एनुअल समिट (21st India-Russia Annual Summit) में हिस्सा लेंगे। इस बीच वह भारत में कई महत्वपूर्ण बैठकें भी करेंगे। वहीं इस दौरान रूस के विदेश मंत्री 5 और 6 दिसंबर को भारत पहुंचेंगे और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद करेंगे।     

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, अरिंदम बागची ने इससे पहले बताया था कि, बताया कि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा 6 दिसंबर को होगी। वह यहां 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आएंगे। इस दौरान ज़रूरी बैठकों भी होंगी। दोपहर में 21वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा और हम इस शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। शिखर सम्मेलन के अंत में एक संयुक्त बयान जारी करने की भी उम्मीद है।

    रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 5-6 दिसंबर को भारत के दौरे पर आएंगे। अपनी यात्रा के दौरान, वह विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मिलेंगे और भारत और रूस के बीच 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे। 

    रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत और रूस के सैन्य संबंधों को बढ़ावा देने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत का दौरा करंगे। इस दौरान दोनों देश 7.5 लाख एके -203 असॉल्ट राइफलों की आपूर्ति पर समझौता कर सकते हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 6 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली का आधिकारिक दौरा करेंगे। 

    इससे पहले सितंबर 2020 में आधिकारिक रूसी मीडिया ने जानकारी दी थी कि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की यात्रा के दौरान भारत (India) और रूस (Russia) ने अत्याधुनिक एके-203 रायफल (AK-203 Rifle) भारत में बनाने के लिए एक बड़े समझौते को अंतिम मंजूरी दी थी। 

    एके-203 रायफल, एके-47 रायफल (AK-47 Rifle) का नवीनतम और सर्वाधिक उन्नत प्रारूप है। यह ‘इंडियान स्मॉल ऑर्म्स सिस्टम’ (‘Indian Small Arms System’) (इनसास) 5.56×45 मिमी रायफल की जगह लेगा। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक भारतीय थल सेना (Indian Army) को लगभग 770,000 एके-203 रायफलों की जरूरत है, जिनमें से एक लाख का आयात किया जाएगा और शेष का विनिर्मिण भारत में किया जाएगा।