नई दिल्ली. आज सोमवार यानी 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस से गुप्तकाशी से केदारनाथ (Guptkashi To Kedarnath) तक ‘क्यूआर कोड’ (QR Code) लगे बोतल बंद पेय एवं खाद्य पदार्थों की सप्लाई अनिवार्य हो गई है। दरअसल प्रशासन ने हैदराबाद की रिसाइकल संस्था के साथ प्लास्टिक उन्नमूलन को लेकर एक अनूठी पहल की है।
इसके तहत केदारनाथ यात्रा मार्ग को डिजिटल DRS से लिंक किया गया है। जिसके तहत अब इस यात्रा मार्ग से सामान लेने पर उससे अधिक धनराशि ली जाएगी और लौटाने के दौरान क्यूआरकोड स्कैन करने के बाद ली गई अधिक धनराशि वापस भी लौटा दी जाएगी।
इसके लिए अब 14 सेंटर स्थापित किए गए हैं जिनके संचालन की जिम्मेदारी स्थानीय महिलाओं की ही होगी। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर डिजिटल DRSपहली बार उपयोग हो रहा है। दरअसल गुप्तकाशी से केदारनाथ तक लगभग 57 किमी क्षेत्र (41 किमी सड़क मार्ग व 16 किमी पैदल) को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है।
ऐसे में इस इस पूरे क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक पर जहाँ पहले ही रोक लगाई जा चुकी है। वहीं अब से बोतल बंद पेय पदार्थों और खाद्य पदार्थों (बिस्किट, नमकीन) के उपयोग को लेकर भी एक नई और अनूठी व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने रिसाइकल संस्था के सहयोग से गुप्तकाशी से केदारनाथ तक संचालित 1000 से अधिक दुकानों पर ‘क्यूआर कोड’ बोतल बंद जूस, पानी, सोडा, खाद्य पदार्थों (बिस्किट, नमकीन) की बिक्री अब से अनिवार्य कर दी है।
अब से यह संस्था ‘क्यूआर कोड’ स्टीकर दुकानदारों को उपलब्ध कराएगी। साथ ही नए नियमों के तहत यहां बिना ‘क्यूआर कोड’ के कोई भी प्लास्टिक बोतल बंद पदार्थ नहीं बिक सकेगा। लेकिन अब से इस व्यवस्था के तहत एक सामान के दस रुपये अतिरिक्त लिए जाएंगे। प्लास्टिक लौटाने पर फिर इसे स्कैन पर लिए गए दस रुपये वापसलौटा दिए जाएंगे।
ऐसा करने से रिसाइकल कंपनी को इससे यह भी पता चल सकेगा की दुकान से एक दिन में कितने ‘क्यूआर कोड बोतलें’ बेची गई हैं और कितनी खाली होकर वापस सेंटर में पहुंचीं हैं। अभी केदारनाथ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों की ओर से ‘क्यूआर कोड बोतलों’ को DRS (जिपोसिट रिफंड सिस्टम) एप से स्कैन किया जा रहा है। साथ ही DMकार्यालय से भी इस व्यवस्था की मॉनीटरिंग हो रही है।