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चंडीगढ़: खालिस्तान समर्थक नेता और ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) इन दिनों असम के डिब्रूगढ़ की जेल (Dibrugarh Central Jail) में बंद है। इस जेल में एक गंभीर सुरक्षा चूक का मामला सामने आया है। इस जेल में खलिस्तान समर्थक समेत उसके 9 सहयोगी भी बंद हैं। इस बीच, जेल प्रशासन ने शनिवार (17 फरवरी) को एक जासूसी कैमरा, एक स्मार्टफोन, एक कीपैड फोन, पेन ड्राइव, ब्लूटूथ हेडफोन और स्पीकर, एक स्मार्टवॉच और कई अन्य चीजें बरामद की हैं। इसके बाद एक्शन में आते हुए पुलिस इस मामले की गहनता से जांच करने में जुटी हुई है कि जेल के अंदर ये सारी चीजें कहां से आईं और कौन-कौन इनका इस्तेमाल करता था। CCTV कैमरे भी देखे जा रहे हैं।  असम के पुलिस अधिकारी जीपी सिंह ने इस बात की जानकारी दी है।

जानें क्या बोले असम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी 

जीपी सिंह ने अपने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर कहा, “एनएसए सेल में होने वाली अनाधिकृत गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलने पर, एनएसए ब्लॉक के सार्वजनिक क्षेत्र में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। प्राप्त इनपुट की पुष्टि की गई। अनधिकृत गतिविधियों के आधार पर जेल कर्मचारियों ने आज सुबह एनएसए सेल के परिसर की तलाशी ली, जिससे सिम के साथ एक स्मार्टफोन, एक कीपैड फोन, कीबोर्ड के साथ टीवी रिमोट, स्पाई-कैम पेन, पेन ड्राइव, ब्लूटूथ हेडफोन और स्पीकर बरामद हुए और स्मार्ट घड़ी, जिसे जेल कर्मचारियों की ओर से जब्त कर लिया गया था। इन अनधिकृत वस्तुओं के स्रोत और लाने के तरीके का पता लगाया जा रहा है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।”

पुलिस महानिदेशक सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिये बताया कि अनधिकृत गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलने के बाद रासुका ब्लॉक के सार्वजनिक क्षेत्र में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को टालने के लिए अतिरिक्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है और एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं। डीजीपी ने यह नहीं कहा कि ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जेल में बंद डब्ल्यूडीपी के सदस्यों के पास से बरामद किए गए हैं।

पंजाब से कट्टरपंथी समूह के सदस्यों को डिब्रूगढ़ जेल लाए जाने के बाद से कारागार में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई, जिसके तहत जेल में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे और खराब कैमरों की मरम्मत की गई थी या उन्हें बदला गया था। पूर्वोत्तर भारत के सबसे पुराने और उच्च सुरक्षा वाले कारागारों में शामिल डिब्रूगढ़ जेल का निर्माण 1859-60 में ब्रिटेन के शासन के दौरान हुआ था। अमृतपाल सिंह को 23 अप्रैल, 2023 को डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार लाया गया था। पंजाब पुलिस ने उसे राज्य के मोगा जिले से गिरफ्तार किया था।  ‘वारिस पंजाब दे’ के खिलाफ कार्रवाई के दौरान अमृतपाल के सहयोगियों को भी इसी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। जेल सूत्रों ने बताया था कि अमृतपाल को कोठरी में अकेले रखा गया है।