मुंबई: चीन समेत पूरी दुनिया में फ़ैल चुके कोरोना वायरस लोगों के जीवन के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा हैं. शेयर मार्किट के साथ तेल की कीमत पर भी गहरा असर हुआ हैं. जिसका तनीजा यह
मुंबई: चीन समेत पूरी दुनिया में फ़ैल चुके कोरोना वायरस लोगों के जीवन के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा हैं. शेयर मार्किट के साथ तेल की कीमत पर भी गहरा असर हुआ हैं. जिसका तनीजा यह हुआ है कि सोमवार को कच्चे तेल की कीमत तीस साल में पहली बार सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई हैं. इसी के साथ भारतीय शेयर मार्किट में अभी तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई हैं. वहीँ दुनिया भर के शेयर मार्किट भी गिरे.
सऊदी और रूस के बीच सहमती नहीं बनने का असर
कच्चे तेल के भंडार वाले प्रमुख देश रूस और सऊदीअरब के बीच सोमवार को उत्पादन को लेकर बैठक हुई. लेकिन दोनों देशो में इसको लेकर कोई सहमती नहीं बनी. जिसके बाद सऊदी प्रिंस बिल सलमान ने कच्चे तेल की कीमत में 20 प्रतिशत से ज्यादा की कटौती कर दी जिसके कारण भारत समेत पूरी दुनिया के शेयर बाजार में हाहाकार मच गया.
सेंसेक्स और निफ्टी में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट
सऊदी द्वारा कच्चे तेल की कीमतों पर किए गए कटौती के कारण भारतीय शेयर बाजार काफ़ी प्रभावित हुआ. मुंबई स्तिथ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में दशक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली हैं. जो 5.17 प्रतिशत 1941 अंको के साथ 35 634.99 पर बंद हुआ. निफ्टी भी इससे अछूती नहीं रहीं. जो 600 अंको के साथ 10,451 पर बंद हुआ.
दशक की सबसे बड़ी गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में आए गिरावट दशक की सबसे बड़ी गिरावट हैं. एक दिन पहले कभी नहीं इतनी बड़ी गिरावट नहीं हुई हैं. सेंसेक्स की बात करे फीसदी के हिसाब से दशक की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई हैं. इसके पहले 2008 में 2273 अंको की गिरावट हुई थी. वहीँ निफ्टी में भी इससे अछुता नहीं रहा. 538 अंको के गिरावट के साथ बंद हुआ. पिछले 11 साल में यह सभी बढ़ी गिरावट हैं. इसके पहले 2009 में एक दिन में इतने अंको के साथ निचे गया था.