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    नई दिल्ली : संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) की जोरदार शुरुआत हो गई है। सत्र की शुरुआत के एक दिन बाद मंगलवार (Tuesday) को केंद्र (Center) और विपक्षी दल (Opposition Parties) आमने-सामने होंगे। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने के बाद 12 विपक्षी सांसदों का निलंबन रद्द होने के कयास लगया जा रहा है। 

    गौरतलब है कि 11 अगस्त को मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा के 12 सांसदों को उनके “अनियंत्रित” आचरण के लिए पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के बाद सांसद सदन की किसी भी कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकते थे। वहीं जिन सांसदों को निलंबित किया गया था उनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना पार्टी के सांसद शामिल थे।  

    वहीं विपक्षी नेताओं ने निलंबन को “अनुचित और अलोकतांत्रिक” करार दिया और आरोप लगाया कि कार्रवाई उच्च सदन के सभी नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन है। इस बीच, तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए कृषि कानून निरसन विधेयक को दोनों सदनों ने मंजूरी दे दी। संसद का शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर को समाप्त होगा।

    निलंबित सासंद

    जिन 12 सांसदों का निलंबन हुआ उनमें प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना), अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस), बिनय विश्वम (सीपीआई), डोला सेन (टीएमसी), सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस), रिपुन बोरा (कांग्रेस), अनिल देसाई (शिवसेना), शांता छेत्री (टीएमसी), एलामरम करीम (सीपीएम), छाया वर्मा (कांग्रेस), राजामणि पटेल (कांग्रेस), फूलो देवी नेताम (कांग्रेस)

    शांत कराने के लिए मार्शलों को बुलाना पड़ा

    गौरतलब है की बीते 11 अगस्त को राज्यसभा में इंश्योरेंस बिल पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ था। सांसदों के बीच खींचातानी हुई थी।  इस दौरान हालात इस तरह से होगया था कि मामले को शांत कराने के लिए मार्शलों को बुलाना पड़ गया था। 11 अगस्त को हुए हंगामे में राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा था कि ‘जो कुछ सदन में हुआ है, उसने लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र किया है।’